- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सेलेक्शन की वजह का किया खुलासा

- कहा कि इस योजना में पैसे नहीं है, जनता को ही करना है अपने सांसद के साथ मिलकर बदलाव

VARANASI: सांसद आदर्श गांव योजना के लिये जयापुर गांव ही क्यों? प्रधानमंत्री और बनारस के सांसद नरेन्द्र मोदी ने खुद ही इसका जयापुर में खुलासा किया। बताया कि जब वह बनारस से चुनाव लड़ रहे थे उसी दौरान जयापुर में आग की एक घटना में पांच लोगों की मौत की खबर सुनने को मिली। यह पहला गांव था जिसका नाम सुनने को मिल वह भी दु:खद समचार के रूप में। इसलिये मैंने इस गांव को गोद लेने की इच्छा जताई। कहते हैं ना कि संकट की घड़ी में जो संबंध बनता है वो चिरंजीवी बन जाता है। कुछ ऐसा ही जयापुर के साथ हुआ है।

मैं नहीं, गांव मुझे गोद रहा रहा है

ये बातें नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जयापुर को गोद लेने के समारोह के दौरान कहीं। जयापुर गांव में आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि सांसद गांव को गोद ले रहे हैं। वास्तव में इस योजना में गांव सांसदों को गोद ले रहा है। मुझे पता है कि मैं बाबुओं और अफसरों के बीच बैठकर नहीं सीख सकता। अनुभव का असली ज्ञान गांव में और यहां के अनुभवी बुजुर्गो के पास है। ये अनुभव जन प्रतिनिधियों के लिये सीखने का अच्छा जरिया है।

सोचिये क्यों नहीं बदले गांव?

हजारों की भीड़ को एड्रेस करते हुए मोदी ने कहा म्0 सालों में गांवों के विकास के नाम पर अरबों रुपये खर्च हो चुके हैं। फिर भी गांव वहीं के वहीं रहे गये। उलटे सरकार और समाज के बीच जो खाई थी और बड़ी होती गयी है। मुझे लगता है कि हमने विकास के जो रास्ते अपनाये उनमें कुछ कमी थी। इसलिये मुझे लगता है कि विकास सरकार से गांव की ओर नहीं बल्कि गांव से सरकार की ओर होना चाहिये।

पैसा होगा तो खाने वाले भी आ जाएंगे

सभा को चौंकाते हुए मोदी ने कहा कि जब से सांसद आदर्श गांव की योजना आई है, गांवों में होड़ है कि मेरा गांव योजना में शामिल हो। लोगों को लगता है कि सांसद गोद लेगा तो खूब पैसा आयेगा। लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि इस योजना में पैसा नहीं है। क्योंकि मैं जानता हूं पैसा होगा तो खाने वाले भी आएंगे। वास्तव में ये योजना है लोगों में बदलाव की। यानि जनता किसी भी काम के लिये सरकार के आश्रित न रहे। खुद से काम करे और दूसरों के लिये मिसाल बने। साथ ही सांसद इसमें कदम से कदम मिलाकर साथ दें। जहां जैसी जरूरत हो, वैसा काम करें।

छोटी बातों से करना है बड़ा काम

उन्होंने ये भी कहा कि मैं बड़ी बड़ी बातें नहीं करता। छोटी छोटी बातों से बड़ा काम करना चाहता हूं। सभा में यूपी के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन, क्षेत्रीय विधायक एवं राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटेल, एमएलसी केदारनाथ सिंह भी साथ रहे। स्वागत ग्राम प्रधान दुर्गावती देवी ने किया। मोदी सेना के तीन हेलीकॉप्टरों के बेड़े में ठीक क्क्.भ्0 पर जयापुर पहुंचे और क्ख्.भ्0 पर डीएलडब्लू के लिये उड़ गये।

खुद ही उठ गये माइक ठीक करने

जयापुर में वेलकम स्पीच के लिये प्रधान दुर्गावती देवी मंच पर आई। उन्होंने बात शुरू की तो अचानक मोदी चेयर से उठ गये। ये देख हर कोई चौंक पड़ा। मोदी खड़े होने के साथ अचानक पोडियम की ओर मुड़े और प्रधान के सामने के माइक को झुकाने लगे क्योंकि माइक काफी ऊपर होने के कारण प्रधान की आवाज साफ नहीं सुनाई दे रही थी। ये देख पूरा मैदान तालियों से गूंज उठा।

आदर्श गांव बनाने के लिये मोदी मंत्र

प्रधानमंत्री ने करीब भ्0 मिनट के भाषण में बहुत सारी बातें ऐसी कहीं जो किसी गांव को आदर्श गांव बना सकती हैं।

- गांव के लोगों को तय करना होगा कि उनके गांव में अब गंदगी नहीं रहेगी।

- गांव की प्राचीन चीजों जैसे पुराना पेड़ वगैरह के प्रति जागरूकता जाएंगे।

- गांव के सबसे ज्यादा बुजुर्ग लोगों से बच्चों का संवाद कराया जाएगा ताकि बच्चों को पता चले कि पुराने जमाने में क्या और कैसा था।

- गांव का जन्म दिन पता करना होगा। यदि जन्म दिन न पता चले तो सभी मिल बैठ कर एक दिन तय कर लें कि कौन सा दिन गांव के जन्मदिन के रूप में बनाया जाएगा।

- गांव के जन्म दिन के दिन गांव के लोग जो दूर रह कर रोजी-रोटी कमा रहे हैं, वो अपने घर आएंगे। उत्सव का माहौल होगा।

- गांव के जो लोग पैसे कमा चुके हैं और शहरों में हैं उनके जरिये गांव में विकास के काम कराये जाएंगे।

- बच्चों को ये सीख देनी होगी कि वो खाना खाने से पहले हाथ धोये फिर कोई निवाला मुंह में डालें।

- अभिभावक कमेटियां बनाएंगे और स्कूलों में अलग-अलग दिन जाकर देखेंगे कि क्या चल रहा है।

- गांव में जब भी किसी के घर बेटी का जन्म होगा, गांव में उत्सव मनाया जाएगा।

- बेटी के जन्म पर परिवार अपने खेत में पांच पेड़ लगायेगा और जब बेटी बड़ी होगी तो उसी पेड़ को बेच कर धूमधाम से उसकी शादी करेगा।