वाराणसी (ब्यूरो)बिहार में मौत का ताडंव कराने वाली जहरीली शराब बनारस से भेजे गए केमिकल से बनाई गई थीइसका खुलासा बिहार पुलिस की टीम ने की हैकेमिकल की सप्लाई करने वाले भेलूपुर थाना क्षेत्र के विरदोपुर निवासी संजीव श्रीवास्तव को बिहार से आई पुलिस टीम ने रामनगर थाना क्षेत्र के टेंगरा मोड़ से अरेस्ट किया और मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर बिहार ले गईउससे पूछताछ के आधार पर बनारस से अभी और गिरफ्तारियां होने की बात कही जा रही हैमामले में रामनगर थाना प्रभारी अश्वनी पांडेय का कहना है कि उन्हें बस इतनी सूचना मिली थी कि संजीव को बिहार पुलिस की टीम ने अरेस्ट किया है और ट्रांजिट रिमांड पर बिहार ले जा रही है.

ऐसे ट्रांसपोर्ट हुआ केमिकल
बिहार जहरीली शराब कांड के विवेचक विकास सिंह ने बताया कि वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के बिरदोपुर का निवासी संजीव कुमार श्रीवास्तव का संपर्क जहरीली शराब कांड से जुड़े राजेश सिंह से थासंजीव होम्योपैथिक कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैउसने होम्योपैथिक दवा के रूप में कच्चा माल सीरप बताकर 84 पेटियों में भरकर रामकटोरा के एक ट्रांसपोर्ट एजेंसी के जरिए बिहार भेजा थायहां से भेजे गए केमिकल को ही पानी में मिलाकर और रंग डालकर जहरीली शराब बनाई गई, जिसे पीकर अब तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है.

टेंगरा मोड़ के पास छिपा था
छपरा के इसुआपुर थाना क्षेत्र में शराब कांड का मुकदमा दर्ज कराया गया हैवहां से जांच की जिम्मेदारी लेने वाले विवेचक विकास सिंह ने बताया कि राजेश के जरिए संजीव के बैंक खाते में रुपये भेजे गएयह शराब कांड के आरोपितों के लगातार संपर्क में थाइसने टेंगरा मोड के पास एक मंहगा फ्लैट खरीदा हैपिछले कुछ दिनों से वहीं छिपकर रह रहा थामजिस्ट्रेट सौम्य अरुण की अदालत ने संजीव को 17 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर देने का आदेश दियासाथ ही निर्देशित किया की संबंधित अदालत में मंगलवार को दोपहर एक बजे तक पेश करें.

हरियाणा में सीखा नुस्खा
सारण (छपरा) के एसपी संतोष कुमार ने बताया कि मास्टरमाइंड राजेश उर्फ डॉक्टर हरियाणा में कंपाउंडर के रूप में काम कर चुका हैवहीं उसने स्पिरिट का प्रयोग कर जख्मों का इलाज करने और स्पिरिट एवं केमिकल से शराब बनाने का नुस्खा सीखा थाउसने ही स्पिरिट और अन्य केमिकल से निर्मित शराब की मशरक, इसुआपुर सहित अन्य क्षेत्रों में आपूर्ति की थीबता दें कि सारण में जहरीली शराब से 74 लोगों की जान चली गई थीपुलिस ने खुलासा करते हुए मास्टरमाइंड सहित पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से होमियोपैथी दवा की सैकड़ों बोतलें बरामद की गई थीं.

छोटी-छोटी बोतलों में सप्लाई
संजीव के माध्यम से बड़ी मात्रा में एथिल अल्कोहल की खरीदारी हुईफिर इसे छोटी-छोटी बोतलों में भरा गयाफिर पेटियों में पैक कर दवा के नाम पर ट्रांसपोट एजेंसी के जरिए बिहार भेज दिया गयावहां मौजूद लोगों ने इससे भारी मात्रा में शराब बनाई और लोगों को पिलाया, जिससे उनकी मौत हुईसूत्रों की मानें तो एथिल एल्कोहल की एक बोतल से लगभग पांच बोतल शराब तैयार की गई.

नहीं है मात्रा निर्धारण
दवा के नाम पर एथिल अल्कोहल खरीदने की मात्रा का निर्धारण नहीं हैइसका फायदा संजीव ने उठायाउसने इसके लिए ऐसी कंपनी को चुना जो सस्ते में और लिखा-पढ़ी के बिना उसे ज्यादा मात्रा में एथिल अल्कोहल दे सकेहोम्योपैथिक की दवा के लिए इस्तेमाल होने वाला एथिल अल्कोहल 500 ग्राम की बोतल में आता हैनामी-गिरामी कंपनियां इस पांच से छह सौ रुपये में बेचती हैं जबकि लोकल कंपनियां तीन सौ रुपये तक में उपलब्ध करा देती हैंइसमें पानी के साथ रंग, चीनी के साथ ज्यादा नशीला बनाने के लिए नींद की गोली भी मिला देते थे.

नींद की दवा खतरनाक

होम्योपैथ के डाक्टर अमरनाथ कुशवाहा के अनुसार एथिल अल्कोहल होम्योपैथिक दवाओं का बेस हैइसका इस्तेमाल लोग नशीला पदार्थ बनाने के लिए करते हैंनींद की दवा इसमें मिलाकर सेवन करना खतरनाक होगाइससे दिल की धड़कन धीमी पड़ जाएगी और मौत की संभावना बढ़ जाएगी