- चौबेपुर के बीकापुर में रात के अंधेरे में कुछ गांव वालों ने देखा था कुछ लोगों को, जहां मिला था बच्चे का सिर, उसी खेत के आस पास थे मौजूद

- नहीं हुई तीसरे दिन भी बच्चे की शिनाख्त, पुलिस को पीएम रिपोर्ट का इंतजार

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आखिर कौन थे वो पांच लोग जो चौबेपुर के बीकापुर में मासूम बच्चे की हत्या के वक्त उस जगह पर मौजूद थे जहां मासूम का सिर मिला था? वो लोग कौन थे और ठंड की रात में खेत में क्या कर रहे थे? ये कुछ ऐसे क्लू हैं जो पुलिस को उसी गांव के कुछ युवकों से पूछताछ के बाद मिले हैं। जिसके बाद पुलिस की जांच अब आगे बढ़ रही है। पुलिस को गांव के कुछ युवकों ने ये बताया है कि जिस रात को दूधनाथ यादव के खेत में मासूम बच्चे के सिर को दफनाया गया था। उसी रात उस खेत से कुछ दूरी पर पांच से छह लोग देखे गए थे। इनको रोकने के लिए ग्रामीणों ने आवाजें भी लगाई लेकिन वे सभी भाग निकले। वहीं पुलिस अब तक बच्चे की शिनाख्त नहीं कर सकी है। जिसके कारण जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है।

लापता का नहीं कोई सुराग

खेत में मिले बच्चे का कोई पता न चलने से चौबेपुर पुलिस जहां की तहां खड़ी हुई है। सीओ पिंडरा का कहना है कि मामले में कुछ क्लू मिले हैं। इनमें ग्रामीणों से पूछताछ के आधार पर काम आगे बढ़ाया जा रहा है लेकिन पुलिस बच्चे की मौत की वजह को लेकर अब तक डाउट में है क्योंकि पीएम रिपोर्ट नहीं मिली है। पीएम रिपोर्ट के आने के बाद ये साफ होगा कि बच्चे को कैसे मारा गया? वहीं ग्रामीणों का कहना है कि बच्चे को तांत्रिक या उसके घर वाले होश में तो लेकर नहीं आये थे क्योंकि रात के अंधेरे में बच्चे के रोने की आवाज किसी ने नहीं सुनी। बीकापुर के लोगों का कहना है कि अगर बच्चे को होश में मारा गया होता तो कोई तो उसकी आवाज सुनता लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

उस दिन थी गांव में तेरही

जिस दिन मासूम के साथ हैवानों ने मौत का खेल खेला उस दिन गांव में देर रात तक लोग जाग रहे थे। वजह थी गांव में एक वृद्ध की मौत के बाद उसकी तेरही थी और पूरा गांव देर रात तक उसके घर पर जुटा था। ग्रामीणों का कहना है कि उन लोगों ने तेरही से लौटते वक्त ही खेत में कुछ लोगों को देखा था। जिनको रोकने पर सभी पर्वतपुर गांव की ओर भाग निकले थे।