-रामनगर में हुए हादसे की पुलिस ने शुरू की विवेचना

-रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी समेत पांच आयोजकों पर हुई कार्रवाई के बाद से सभी हैं फरार

VARANASI

राजघाट पुल पर जय गुरुदेव के अनुयायियों के बीच हुई भगदड़ में 25 लोगों की हुई मौत के मामले की विवेचना रामनगर पुलिस ने शुरू कर दी है। एसएसपी के मुताबिक विवेचना में और भी आरोपियों के नाम जुड़ सकते हैं। हालांकि इस घटना के बाद अब तक सिर्फ मुकदमा ही दर्ज हुआ है। कोई आरोपी पकड़ा नहीं जा सका है। जिसके बाद ये सवाल उठने लगा है कि क्या कार्रवाई सिर्फ दिखावे के लिए हुई है?

दो जिलों से मांगी थी अनुमति

डोमरी में हुए सत्संग व जागरण यात्रा के आयोजकों ने पहले ही आयोजन के लिए दो नाव पर पैर रख लिया था। एक तरफ चंदौली प्रशासन से जय गुरुदेव के सत्संग के लिए तो दूसरी ओर वाराणसी प्रशासन से जागरण यात्रा के लिए अनुमति मांगी गई थी। चंदौली प्रशासन जहां जागरण यात्रा से अनभिज्ञ था तो स्थानीय प्रशासन को जानकारी थी। लेकिन इनके बीच तालमेल का अभाव भी हादसे की एक वजह बना। एसओ रामनगर मूल चंद चौरसिया के मुताबिक विवेचना प्रक्रिया में है। इस मामले में और भी आरोपियों के नाम जुड़ सकते हैं। फिलहाल एक प्रशासनिक अधिकारी समेत पांच नामजद व प्रबंध तंत्र के खिलाफ धोखाधड़ी व गैर इरादतन हत्या के आरोपों में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है लेकिन पुलिस आरोपियों की खोज खबर नहीं ले रही है। पूछने पर बताया जा रहा है कि आरोपी फरार चल रहे हैं।

SP ट्रैफिक हो गए थे बेहोश

जय गुरुदेव के सत्संग में शामिल होने के लिए उमड़ा जन सैलाब किसी के नियंत्रण में नहीं था। किसी को उम्मीद भी नहीं थी इतनी बड़ी संख्या में अनुयायी जुटेंगे। भदऊं छोर से अनुयायी रोके जा रहे थे वहीं पड़ाव छोर से गाडि़यों को पास कराया जाने लगा। इसका परिणाम रहा कि राजघाट पुल पूरी तरह से पैक हो गया था। एसपी ट्रैफिक कमल किशोर इस हालत को देख बेहोश हो गए थे। मातहतों ने पानी छिड़ककर उन्हें होश में लाया था।

आदमपुर SO भी सस्पेंड

राजघाट पुल पर शनिवार को भगदड़ में ख्भ् लोगों की हुए मौत के मामले में बनारस के आदमपुर थाने के एसओ विनय प्रकाश सिंह को भी सस्पेंड कर दिया गया है। मंगलवार को यह कार्रवाई डीआईजी डॉ। संजीव गुप्ता ने की। इस मामले में कई अधिकारियों पर पहले ही कार्रवाई हो चुकी है।