- पुलिस आपके और दस्तक अभियान के तहत सीपी ने चलाया अभियान

-वर्ष 2020 से अबतक थानों में दर्ज मुकदमों के वादी से मिलकर ली जा रही जानकारी

अपराधियों के दरवाजों पर दस्तक देने के साथ ही अब कमिश्नरेट पुलिस मुकदमों के वादी के दरवाजों पर भी पहुंचने लगी है। अगर आप किसी मुकदमें के वादी हैं और आपके पास पुलिस पहुंच रही है या आपके पास कॉल आ रही है तो घबराइये नहीं, पुलिस आपकी कुशलता जानने के लिए संपर्क कर रही है। ऐसा पुलिस आयुक्त के निर्देश पर हो रहा है, ताकि आपको यह एहसास हो कि कमिश्नरेट पुलिस आपके साथ है।

पुलिस आपके द्वार

वर्ष 2020 से लेकर अबतक एक साल में जितने भी मुकदमें कमिश्नरेट के अलग-अलग थानों में दर्ज हुए हैं, उनके वादी के घर पर पहुंचकर उनका हाल जाना जा रहा है। पुलिस आपके द्वार कार्यक्रम के तहत सीपी ए। सतीश गणेश ने इस अभियान को शुरू किया है। इस अभियान में थाने और पुलिस चौकी वार पुलिस को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे वादी के घर जाएं और उनसे मिलें। मुकदमा दर्ज कराने से लेकर अब तक कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है, किसी के द्वारा उन्हें धमकी तो नहीं मिल रही, ऐसी तमाम जानकारी पुलिस कलेक्ट कर रही है। इसका पूरा ब्योरा और मोबाइल नंबर एक रजिस्टर में अंकित किया जा रहा है।

दस्तक से अपराधियों में दहशत

इधर, दस्तक अभियान को लेकर पुलिस आयुक्त ए। सतीश गणेश खुद गंभीर हैं। इसकी बाकायदा फीडबैक वो खुद प्रति दिन ले रहे हैं। पुलिस के दस्तक अभियान से अपराधियों में कहीं न कहीं दहशत का माहौल कायम होने लगा है।

पुलिस का बड़ा लॉजिक

दस्तक अभियान हो या पुलिस आपके द्वार अभियान, कमिश्नरेट पुलिस का इसके पीछे बड़ा लॉजिक माना जा रहा है। पुलिस ऐसे अभियान के माध्यम से अपराधियों के क्रिया-कलाप और उनकी गतिविधियां पर नजर रख रही है। अपराधी बैखौफ वारदात को अंजाम न दें और मुकदमा दर्ज कराने वाले किसी कारण से भयभीत न हो यही इन दोनों अभियानों का उद्देश्य है।

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अभियान दस्तक के तहत पुलिस अपराधियों के सत्यापन कर उनकी एक्टीविटी को जानेगी और इससे उनपर निगरानी भी रखी जा सकेगी। वहीं मुकदमें में वादी के दरवाजे पर पुलिस पहुंचेगी तो उनके अंदर भी सुरक्षा का भाव आएगा। हमारा एक लक्ष्य है कि कमिश्नरेट अपराध मुक्त हो और यहां आम जनमानस सुरक्षित रहें।

ए। सतीश गणेश, पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट, वाराणसी