आबादी बढ़ने के साथ घट रही हैं बुनियादी सुविधाएं
- शहर में हर साल बढ़ रहे करीब 50 हजार लोग, नहीं कम हो रही समस्याएं
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VARANASI
शहर की आबादी बेलगाम बढ़ रही है। इसके साथ ही शहर की बुनियादी सुविधाएं घट रही हैं। खासकर शुद्ध पेयजल, सड़क, सीवर, सफाई, आवास, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए आबादी का बड़ा हिस्सा अभी भी तरस रहा है। बनारस के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चयनित होने के बाद तमाम सुविधाएं जरूर बढ़ीं, लेकिन बढ़ती आबादी के हिसाब से यह नाकाफी साबित हो रही हैं। अभी भी तमाम जगहों पर बुनियादी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। सन् 2011 में हुई जनगणना के दौरान शहर की आबादी करीब 16 लाख थी, जो पिछले सात सालों में बढ़कर 19 लाख का आंकड़ा पार कर गई है। आंकड़ों के मुताबिक शहर में हर साल करीब 50 हजार लोग बढ़ रहे हैं।
बढ़ गया जनसंख्या घनत्व
आबादी बढ़ी तो जनसंख्या घनत्व (पॉपुलेशन डेनिसिटी) बढ़ा। लिहाजा गली, मोहल्लों में जगहें सिकुड़ती चली गई। 2011 में शहर का जनसंख्या घनत्व 10008 वर्ग प्रति किलोमीटर था। वह 2018 में बढ़कर 11630 प्रति वर्ग किलोमीटर हो गया। इसका परिणाम रहा कि अवैध कॉलोनियों की बाढ़ आ गई, लेकिन इनमें जरूरी बुनियादी सुविध्ाएं नहीं मिल सकीं।
हाईलाइटर
- 1535 वर्ग किलोमीटर है बनारस डिस्ट्रिक्ट का क्षेत्रफल
- 159.57 वर्ग किलोमीटर है शहर का क्षेत्रफल
- 2.21 फीसदी जनसंख्या बढ़ रही है हर साल
- 1000 पुरुषों पर हैं 913 महिलाएं
- 10 साल पर होती है जनगणना
इस तरह बढ़ी जनसंख्या
सन् डिस्ट्रिक्ट सिटी
2011 3676841 1597051
2012 3819676 1638373
2013 3891202 1685301
2014 3955765 1735434
2015 4019226 1790132
2016 4223505 1842357
2017 4315247 1895336
2018 4411536 1925220
शहर में ऐसे घटीं सुविधाएं
स्वास्थ्य (प्रति लाख पर)
- 2011 में 02 हॉस्पिटल और 37 बेड
- 2018 में 1.5 हॉस्पिटल और 31 बेड
- स्वास्थ्य सुविधाएं घटने से निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी
पेयजल
- 2011 में 220 ट्यूबवेल व 18 ओवरहेड टैंक
- 2018 में 269 ट्यूबवेल और 40 ओवरहेड टैंक
- संसाधन बढ़े पर वाटर लॉस से प्रति व्यक्ति पेयजल उपलब्धता 103 से घटकर 92 एलपीसीडी
- तमाम मोहल्लों में बूस्टर के सहारे पहुंचता है पानी
- ट्रांसवरुणा एरिया में कई जगहों पर सीवरेज की प्रॉपर व्यवस्था नहीं
सफाई
- 2011 में निकलता था 285 एमटी कूड़ा
- 2018 में निकलता है 600 एमटी कूड़ा
- सात साल में बढ़े 550 सफाईकर्मी व दो एजेंसियां लेकिन प्रॉपर सफाई नहीं
आवास
- 2011 में वीडीए की कॉलोनियां 72
- 2018 में वीडीए की कॉलोनियां 160
- 110 अन्य कॉलोनियां हैं शहर में
- 2011 तक अवैध कॉलोनियां 210
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे 8262 आवास
शिक्षा
- 2011 में 28 स्टूडेंट पर एक टीचर
- 2018 में 22 स्टूडेंट पर एक शिक्षक
- एक लाख स्टूडेंट पर 15 प्राइमरी, 15 अपर प्राइमरी व 4 इंटर कॉलेज
- सरकारी शिक्षा व्यवस्था की लचर व्यवस्था से निजी स्कूलों की चांदी
सड़क (प्रति लाख पर)
- 2011 में 45.07 किलोमीटर सड़क
- 2018 में 45 किलोमीटर सड़क
- जनसंख्या बढ़ने से डेली बनती है जाम की स्थिति
एक नजर
- 90 वार्ड हैं कुल शहर में
- 76 स्वास्थ्य केन्द्र हैं शहर में
- 170 शिक्षण संस्थान सिटी में
- 706 किलोमीटर सड़क शहर में