-जिला जेल के बंदी रक्षकों ने जेलर विजय राय के खिलाफ खोला मोर्चा, हुए लामबंद

-भड़के बंदी रक्षकों को शांत करने के लिए हटाये गए जेलर, फैजाबाद से नए जेलर को किया गया तैनात

VARANASI

जिला जेल में रविवार को दोबारा हुए बवाल के बाद बंदी रक्षक एक जेलर को लेकर भड़क उठे और लामबंद हो गए। जिसके बाद रात करीब क्ख् बजे जेल प्रशासन ने अहम फैसला लेते हुए जेलर विजय राय को कार्य से मुक्त कर दिया। उनके स्थान पर फैजाबाद जेल से आए पवन द्विवेदी को कार्यभार सौंपा गया। सूत्रों की मानें तो जेल प्रशासन ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि रविवार के दिन जेल अधीक्षक को बंदी बनाने के बाद बंदियों द्वारा जेलर जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे जो जेल प्रशासन व बंदी रक्षकों को नागवार गुजरी थी। इस पर अगले दिन बंदी रक्षक उस समय और भड़क गए जब बैरक नंबर आठ में राइटर की पिटाई हो गई। इस घटना के बाद वे भी डर गए थे। चूंकि एक बैरक में लगभग ढाई सौ कैदी पर एक बंदी रक्षक ड्यूटी करता है। अगर बैरक में बवाल हुआ तो वह मूकदर्शक ही बना रहता है। जेल में रविवार को दोबारा हुए उपद्रव को निजी स्वार्थ से भी जोड़कर देखा जा रहा है। यदि समय रहते जेलर को हटाया नहीं जाता तो बंदी रक्षकों का गुस्सा और बढ़ सकता था। इसीलिए यह फैसला लिया गया।

बंदियों के जख्म देख हुए गरम

जिला जेल में हुए बवाल के बाद आरोपी बनाये गए बंदियों को सोमवार को कोर्ट ले जाया जा रहा था। इस दौरान बाहर आ चुके बंदियों ने फिर आवाज ऊंची की। इस दौरान उनके साथ उनके परिजन भी रहे। इन सब का सामना इंस्पेक्टर कैंट आशुतोष ओझा को करना पड़ा। हालांकि स्थिति पर कुछ ही देर में काबू पा लिया गया। बंदियों ने मीडिया को देखते ही अपनी पीठ को दिखाना शुरू कर दिया। उनके पीठ पर जख्मों के निशान थे। इस पर उनके परिजन भड़क गए। और देखते ही देखते जेल प्रशासन व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। इस दौरान जेल में कारागार मंत्री के होने के कारण सत्ता पक्ष के कई नेता भी वहां पहुंचे थे। इन नेताओं के दिये झूठे आश्वासन पर मुलाकाती उनके सामने ही मुंहतोड़ जबाब दे रहे थे। उनका कहना था कि इन नेताओं ने कहा था कि अब किसी को मारापीटा नहीं जाएगा लेकिन ये क्या है। हालांकि जेल मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया जिला जेल में निरीक्षण करने के बाद बंदियों के परिजनों से भी मिले।