वाराणसी (ब्यूरो)सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत जेलों में बंद कैदियों को स्किल्ड ट्रेनिंग देकर उनको उपयोगी बनाने के लिए जिला जेल प्रशासन ने कमर कस ली हैसरकार की मंशा है कि कैदियों को इस तरह स्किल्ड बनाया जाए कि वह रोजमर्रा के जीवन में आने वाली उपयोगी टेक्निकल क्वालिटी को अपनी रुचि के हिसाब से सीखें, ताकि उनकी आर्थिक मदद हो सकेइसके तहत जिला जेल में कैदियों के लिए फोटोग्राफी एंड वीडियोग्राफी, कंप्यूटर वर्क, मोटर बाइंडिंग व मैकेनिज्म की ट्रेनिंग देने की तैयारी चल रही हैइस तरह कैदियों के अंदर सामाजिक और मानसिक सुधार हो सकेगा और वे अपने जीवन स्तर को सुधार सकेंगेजेल के वरिष्ठ प्रशिक्षकों का मानना है कि कैदी जेल के अंदर रहते रहते अवसादग्रस्त हो जाते हैं, जिस कारण उनका विकास नहीं हो पाता हैइसके साथ ही उसकी जिदंगी पैसों के अभाव में काफी चैलेंजिंग हो जाती है.

कौशल विकास मिशन के तहत ट्रेनिंग

जेल अधीक्षक एके सक्सेना ने बताया कि जेल में बंद कैदियों को अब कौशल विकास मिशन के तहत ट्रेनिंग दी जाएगीइस मिशन के तहत जेल में बंद कैदियों को उनकी रुचि के हिसाब से प्रोफेशन सेलेक्ट करने का पूरा अधिकार रहेगाइसके बाद ही उनके सेलेक्ट किये हुए प्रोफेशन में उनको पारंगत किया जाएगा जिससे वह बेहतर काम कर सकें.

एनजीओ की मदद से भी मिलेगी ट्रेनिंग

जेल अधीक्षक ने बताया कि कैदियों को अब जेल के अंदर एनजीओ की भी मदद से भी सिखाया जाएगाएनजीओ की तरफ से जेल विभाग से परमिशन लेकर कुछ अन्य कैदियों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगीइस दौरान कैदियों को पढऩे-लिखने का गुर भी सीखने को मिलेगा, जिससे वह जेल के भीतर अपने एजुकेशन को भी डेवलप कर सकें.

कैटेगरी के हिसाब से होगा भुगतान

जेल प्रशासन बंद कैदियों को तीन कैटेगरी में डिवाइड करता हैउन्हीं कैटेगरी के हिसाब से उनके काम अलाट किए जाते हैंफिर उनको जेल के मैनुअल के हिसाब से पेमेंट किया जाता हैजेल अधीक्षक ने बताया कि हमारे यहां जो भी कैदी होते हैं, हम उनको उनकी आवश्यकता के हिसाब से रेगुलर या वीकली या मंथली पेमेंट करते हैैं.

हमारी तरफ से शासन के आदेशानुसार कैदियों को ट्रेनिंग दी जाएगीजेल में बंद कैदी अभी से अपने वर्क कल्चर को समझते हैं और करते हैैं.

वीरेंद्र कुमार त्रिवेदी, जेलर, जिला कारागार वाराणसी

हम लोग प्रशिक्षण करा रहे हैंआने वाले समय में कैदियों को कौशल विकास मिशन एवं एनजीओ की मदद से ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि उनकी जेल के अंदर इनकम हो सके और टेक्निकल तौर पर अपने को डेवलप कर सकें.

अरुण कुमार सक्सेना, जेल अधीक्षक, जिला कारागार वाराणसी