-चांसलर ने कार्यभार ग्रहण करने की डेट से तीन सालों के लिए की नियुक्ति, एनओसी मिलते ही ग्रहण करेंगे कार्यभार

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वें वीसी होंगे प्रो। हरेराम त्रिपाठी विश्वविद्यालय के

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मई को समाप्त हो गया प्रो। राजाराम शुक्ल का कार्यकाल

गवर्नर व चांसलर आनंदीबेन पटेल ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) के प्रो। हरेराम त्रिपाठी को संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी का स्थायी वीसी नियुक्त किया है। चांसलर ने उनकी नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की डेट से तीन साल के लिए की है। कुलाधिपति की ओर से बुधवार को आदेश जारी होने के बाद स्थायी कुलपति की नियुक्ति को लेकर अटकलें समाप्त हो गई। बता दें कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के वीसी प्रो। राजाराम शुक्ल का तीन वर्ष का कार्यकाल 23 मई को समाप्त हो गया था। कोरोना काल में नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी को देखते हुए कुलाधिपति ने नियमित कुलपति की नियुक्ति होने तक लखनऊ विश्वविद्यालय के वीसी प्रो। आलोक कुमार राय को संस्कृत विश्वविद्यालय के वीसी का अतिरिक्त चार्ज सौंपा है। वहीं अब प्रो। हरेराम त्रिपाठी विश्वविद्यालय के 35वें वीसी होंगे। प्रो। त्रिपाठी जल्द ही कार्यभार ग्रहण कर सकते हैं।

यहीं रहे स्टूडेंट अब बने वीसी

देवरिया (कुशीनगर) के निवासी प्रो। हरेराम त्रिपाठी की प्रारंभिक शिक्षा देवरिया में ही हुई। सन् 1986 में वह संस्कृत पढ़ने बनारस चले आए। रामाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय से उत्तर मध्यमा (इंटर) की परीक्षा उत्तीर्ण की। शास्त्री (स्नातक), आचार्य (स्नातकोत्तर) व पीएचडी तक की पढ़ाई संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से की। न्यायशास्त्र के प्रकांड विद्वान प्रो। वशिष्ठ त्रिपाठी के निर्देशन में यहीं पीएचडी की डिग्री ली।

करियर की शुरूआत सन् 1993 में राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (रणवीर कैंप-जम्मू) में बतौर अनुसंधान सहायक पद से की। छह माह बाद प्रो। त्रिपाठी की नियुक्ति श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के दर्शन संकाय में हो गई। वर्ष 2009 में सर्वदर्शन विभाग में प्रोफेसर बने। वर्ष 2003 में महर्षि वादरायण राष्ट्रपति पुरस्कार, शंकर वेदांत, पाणिनी, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से विशिष्ट पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कार व सम्मान मिल चुका है। प्रो। त्रिपाठी अब तक 30 से अधिक ग्रंथों का संपादन व लेखन कर चुके हैं।