वाराणसी (ब्यूरो)। प्रोफेसर साहब के थप्पड़ की गूंज शनिवार को संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के कैंपस में दिनभर रही। 17 फरवरी को कैंपस में प्रोफेसर ने चपरासी को थप्पड़ मारा था। शिकायत के बाद भी दो दिन तक कार्रवाई नहीं हुई तो 19 फरवरी को फोर्थ ग्रेड इंप्लाईज ने मोर्चा खोल दिया।
वीसी ने नहीं दिया ध्यान
17 फरवरी को महज बैग उठाने की बात पर प्रोफेसर जितेंद्र शाही ने चपरासी पूर्णमासी के साथ गाली गलौच करते हुए मारपीट की थी। शिकायत के बाद भी वीसी ने ध्यान नहीं दिया। इसके बाद शनिवार को फोर्थ ग्रेड इंप्लाइज ने उनके ऑफिस के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू किया। उनका कहना था कि ये सम्मान की बात है साहबकार्रवाई तो करनी ही पड़ेगी। जब तक प्रोफेसर जितेंद्र शाही पर कार्रवाई नहीं होगी, हम पीछे नहीं हटेंगे.
बनाई जांच कमेटी
मामले को बढ़ता देख वीसी ने शनिवार को जांच कमेटी बनाई है। लेकिन अब कमेटी में केवल प्रोफेसर्स को रखने को लेकर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं.
ये है पूरा मामला
प्रदर्शन में शामिल कर्मचारियों का कहना है कि प्रो। जितेेंद्र शाही रोज देर से आते हैं। चपरासी पूर्णमासी ने बताया कि 17 फरवरी को दोपहर में करीब 1.30 बजे प्रो। जितेंद्र शाही विभाग के बाहर जैसे ही पहुंचे, मैं उनका बैग लेने पहुंचा, लेकिन वे कार से निकलते ही गुस्से में आ गए और शर्ट का कालर खींच कर दो-चार थप्पड़ रसीद कर दिए। इसकी लिखित शिकायत कुलपति से की गई, मगर उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया.
शनिवार को नहीं किया काम
चपरासी पूर्णमासी की शिकायत पर कुलपति ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की, तो यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने शनिवार को काम रोक दिया। फोर्थ ग्रेड के सभी कर्मचारी पीडि़त चपरासी के समर्थन में उतर आए हैं। उनका कहना है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। प्रदर्शन करने वालों में संघ के उपाध्यक्ष प्रदीप पांडेय, महामंत्री यदुनाथ त्रिपाठी, विनय कुमार, सुनील कुमार चौधरी, आनंद श्रीवास्तव, शिशिर सिंह, केके मिश्र, त्रिभुवन मिश्र, अखिलेश मिश्र सहित अन्य लोग शामिल हैं.