वाराणसी (ब्यूरो)बनारस की सांस्कृतिक विरासत और परंपरा को बचाने के लिए काशी की नगरवधुओं ने सोमवार से मणिकर्णिका घाट पर धरना शुरू कियाउन्होंने हाथों में पीएम मोदी व सीएम योगी से गुहार लगाते नारे लिखी तख्तियां ले रखी थी

सैकड़ो वर्षो से श्रंगार

चैत्र नवरात्र की सप्तमी के दिन मणिकर्णिका घाट पर बाबा महाश्मशान नाथ के वार्षिक श्रृंगार का आयोजन सैकड़ो वर्षों से किया जाता रहा हैयहां धधकती चिताओं के बीच नगर वधुओं का नृत्य होता हैअब बाबा महाश्मशान वार्षिक श्रृंगार कार्यक्रम स्थल पर लकड़ी व्यापारियों ने अवैध रूप से लकडिय़ां रख कर कब्जा कर लिया हैइसके कारण परम्परा पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं.

ये है इतिहास

महाश्मशान नाथ सेवा समिति के संरक्षक जंत्रलेश्वर यादव बताते हैं कि राजा मानसिंह की ओर से स्थापित बाबा मसाननाथ के दरबार में कार्यकम पेश करने के लिए उस समय की जानी-मानी नर्तकियों और कलाकारों को बुलाया गया थामंदिर श्मशानघाट के बीचोबीच था, इसलिए ख्यातिलब्ध कलाकारों ने आने से इंकार कर दिया थाअब राजा के सामने संकट था कि कार्यक्रम कैसे हो तब उन्होंने नगरवधुओं को आमंत्रित कियानगरवधुओं ने निमंत्रण स्वीकार किया और तब से यह परंपरा चली आ रही हैइस बार कार्यक्रम स्थल से अवैध कब्जा नहीं हटाया गया तो सैकड़ों साल से चली आ रही प्राचीन परंपरा टूट सकती है.

छह से होगा श्रृंगार महोत्सव

बाबा महाश्मशान नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष चैनु प्रसाद गुप्ता ने बताया कि बाबा श्मशान नाथ का तीन दिवसीय श्रृंगार महोत्सव इस बार 6 अप्रैल से शुरू होगापहले दिन रुद्राभिषेक पूजन हवन का कार्यक्रम हैदूसरे दिन भंडारे का आयोजन किया जाएगा। 8 अप्रैल को प्राचीन परम्परा निभाते हुए नगर वधुएं बाबा के दरबार में हाजिरी लगाएंगीदिलीप ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर जहां मंच लगते हैं वहीं अवैध रूप से लकड़ी रखकर कब्जा जमा लिया गया है.