वाराणसी (ब्यूरो)काशी हिंदू विश्वविद्यालय से संबद्ध सेंट्रल हिंदू स्कूल में कक्षा 6, 9 और 11 में एडमिशन के लिए नोटिफिकेशन जारी तो हो गया, लेकिन इस बार सीएचएस में लॉटरी प्रणाली को लेकर विरोध के सुर भी बजने लगे हैंहालाकि, सीएचएस में लॉटरी प्रणाली कोविड काल में लागू किया गया था, लेकिन अब कोविड के सभी प्रोटोकॉल खत्म होने के साथ-साथ स्कूल भी पहले की तरह संचालित हो रहा हैऐसे में लॉटरी सिस्टम कराया जाना अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा हैकई अभिभावकों ने यहां तक कहना शुरू कर दिया है कि यह सिस्टम बिल्कुल गलत है और लॉटरी सिस्टम से किसी बच्चे की बौद्धिक क्षमता को आंका नहीं जा सकता हैवहीं, इस पूरे मामले को लेकर एनएसयूआई ने सीएचएस में लॉटरी सिस्टम से एडमिशन प्रणाली को खत्म किए जाने पर विरोध जताते हुए सेंट्रल ऑफिस पहुंचकर कुलपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा है

30 अप्रैल तक आवेदन की तारीख

बीएचयू की ओर से संचालित सेंट्रल हिंदू गल्र्स और बॉयज स्कूल (सीएचएस) में होने वाले दाखिले की प्रक्रिया को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया हैइस बार गल्र्स स्कूल में लॉटरी सिस्टम आयोजित किया गया हैएडमिशन के लिए 30 अप्रैल तक आवेदन करने की तारीख तय की गई हैवहीं, इस तरह की प्रणाली सीएचएस प्रवेश प्रक्रिया की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान खड़ा करने लगी है

पिछले साल भी हुआ था हंगामा

पिछले साल भी सीएचएस में कक्षा 6 से 9 तक के दाखिले के लिए जमकर हंगामा होने के साथ-साथ धांधली के आरोप लगे थेएडमिशन के लिए बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान में लॉटरी खोले जाने के साथ ही अभिभावकों ने विरोध शुरू कर दिया थाउस दौरान अभिभावकों का कहना था कि कुछ देर के लिए अंदर किसी को जाने नहीं दिया गया था, जिसमें धांधली की पूरी आशंका थीवहीं, उस समय भी इस प्रक्रिया को खत्म करने की मांग उठी थीउस समय हंगामा इस हद तक बढ़ गया था कि छात्र और अभिभावकोंं ने गेट से प्रवेश कर अंदर मौजूद करीब 20 अधिकारियों को रोक लिया थाहर साल की तरह अब इस साल भी आवेदन देने की अंतिम तिथि से एक माह पूर्व ही विरोध शुरू हो गया है.

जुआ की तरह है लॉटरी सिस्टम

सीएचएस में इस बार कक्षा 6 और 9 में इंट्रेंस एग्जाम की जगह लाटरी सिस्टम से प्रवेश परीक्षा कराए जाने का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद पहले पेरेंटस ने विरोध जताया था, अब छात्र संगठनों ने मोर्चा खोल दिया हैएनएयसूआई के कार्यकर्ताओं ने 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर यह प्रणाली खत्म नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगावहीं, एनएसयूआई के कार्यकर्ता रोहित ने बताया कि लॉटरी एक तरह का जुआ हैइसके बारे में भी अगर हमे समझाना पड़े, तो शिक्षकों को शिक्षण का काम छोड़ देना चाहिए.

100 साल से अधिक पुराना सीएचएस का इतिहास

बीएचयू से जुड़े सेंट्रल हिंदू स्कूल का इतिहास 100 साल से भी अधिक पुराना हैसीएचएस में हर साल न केवल वाराणसी, बल्कि यूपी के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में छात्र आवेदन करते हैंसीएचएस की स्थापना वर्ष 1898 में थियोसॉफिकल सोसायटी की एनी बेसेंट ने किया थाइसी स्कूल को काशी हिंदू विश्वविद्यालय का मातृ संस्थान भी कहा जाता है.

कक्षा 6 और 9 में ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से और 11वीं कक्षा में, केंद्रीय-राज्य बोर्डों के दसवीं कक्षा के अंकों की योग्यता के माध्यम से प्रवेश लिया जा रहा हैलॉटरी सिस्टम में बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के कम्प्यूटरीकृत यादृच्छिकरण पर आधारित है और पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष है

  • डॉराजेश सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, बीएचयू