-संसदीय समिति ने रेलवे, दूरसंचार, डाक, एनटीपीसी के अधिकारियों को दी सख्त हिदायत

-विभागों में राजभाषा में कामकाज की समीक्षा की

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उत्तर रेलवे, बीएसएनएल प्रोजेक्ट, भारतीय डाक विभाग और एनटीपीसी के अधिकारी संसदीय राजभाषा की द्वितीय उपसमिति के रडार पर रहे। शनिवार को समिति के सदस्यों ने इन विभागों में राजभाषा (¨हदी) में कामकाज की स्थिति का बारीकी से मूल्यांकन किया। मीडिया से मुखातिब होते हुए समिति के सदस्यों ने दो टूक शब्दों में कहा कि राजभाषा की तौहीन करने वाले अफसरों की सरकार खबर लेगी। ¨हदी का सम्मान न करने वाले अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे।

कार्यशाला समय पर क्यूं नहीं

नदेसर स्थित होटल के सभागार में हुई बैठक में संसदीय समिति के सदस्यों ने यह सवाल उठाया कि आखिर नियमानुसार प्रत्येक तीन माह पर ¨हदी कार्यशाला का आयोजन क्यों नहीं हो रहा है? इस सवाल पर अधिकारी निरुत्तर दिखे। इन्हें कड़ी हिदायत दी गई कि वे हर हाल में ¨हदी कार्यशाला का आयोजन प्रत्येक तीन माह में करना सुनिश्चित करें। बैठक के पहले सेशन की अध्यक्षता कर रहे भुवनेश्वर (उड़ीसा) से बीजू (जद) के सांसद डॉ। प्रसन्न कुमार पांचसाणी ने सभी सरकारी कार्यालय के कार्य में ¨हदी का शत-प्रतिशत प्रयोग करने का निर्देश दिया।

नहीं आ सके दो सदस्य

कार्यकारी संयोजक व चंदौली से भाजपा के सांसद डॉ। महेंद्र नाथ पांडेय ने रेलवे के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्टेशनों पर महापुरुषों के विचार ¨हदी में लगवाएं। काशी आई यह संसदीय उपसमिति देश के सवर्गीय क्षेत्रों के सरकारी विभागों में राजभाषा में कामकाज की स्थिति का आंकलन कर रही है। यह समिति अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सौंपेगी। संसदीय राजभाषा समिति में तीस सांसद होते हैं। समिति की दो उपसमितियां होती हैं। बनारस आई यह दूसरी उपसमिति है जिसमें कुल पांच सांसद हैं। मगर शुक्रवार को उत्तराखंड में हमले में घायल होने के कारण सांसद तरुण विजय नहीं आ सके। एक अन्य सांसद जद (यू) के वशिष्ठ नारायण सिंह भी अस्वस्थ होने के कारण नहीं आए। शाम को समिति के सदस्यों ने दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखने के साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया।