वाराणसी (ब्यूरो)शहर की पॉश कॉलोनी रवींद्रपुरी के ऋषि मिश्रा इन दिनों अपने एरिया में निकलने से बचते हैंवजह खराब सड़केंऋ्िरष की मानें तो करीब एक साल से सड़क विकास के नाम पर खुदी पड़ी है। 2 दिन की बारिश में जलभराव हो गयाकुछ ऐसा ही हाल सिगरा-सोनिया रोड का हैऐसे में पब्लिक यह भी कह रही है कि सड़कों पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क? कुछ समझ नहीं आतादैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जब खराब सड़कों का रियलिटी चेक किया, तो सामने आया कि नगर निगम एरिया की 386 सड़कों में 150 सड़कें खराब हैं यानी चलने योग्य नहीं हैंदो दिन की हल्की बारिश ने पूरे नगर निगम की पोल खोल दी

गड्ढों में सड़क

शहर के सोनिया-सिगरा मार्ग की हालत ये है कि इस पर हर मीटर पर दो से तीन गड्ढे हैंपता ही नहीं चलता कि यहां सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क बना दी गई हैयही हाल मलदहिया चौराहे से लहुराबीर जाने वाली सड़क का भी हैदो दिन से हो रही बारिश से जगह-जगह पानी लगा हुआ हैहाल ये है कि इन सड़कों पर कई दोपहिया चालक चोटिल हो चुके हैं

इन सड़कों का बुरा हाल

शहर में सोनिया-सिगरा मार्ग, औरंगाबाद, पानदरीबा, मलदहिया, लोहा मंडी, जगतगंज से रामकटोरा, नाटी इमली से ईश्वरगंगी, कैंट से लहरतारा, छित्तूपुर से विद्यापीठ रोड, महमूरगंज, भेलूपुर से कमच्छा, रविन्द्रपुरी से लंका, पाण्डेयपुर, लालपुर, पहडिय़ा समेत कई ऐसी सड़कें हैं, जहां से गुजरना दिक्कत भरा है.

टेंडर की प्रक्रिया जारी

चीफ इंजीनियर मोइनुद्दीन का कहना है कि सड़कों की मरम्मत के लिए टेंडर प्रॉसेस जारी हैजैसे ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी होगी, सड़कों की मरम्मत शुरू की जाएगीप्रधानमंत्री के दौरे से पहले सड़कों के मरम्मत का कार्य पूरा किया जाएगाइस समय शहर की 40 परसेंट सड़कें क्षतिग्रस्त हैंउनकी जल्द मरम्मत कराई जाएगी.

शहर की 70 परसेंट सड़कें सही हैं। 30 से 40 परसेंट सड़कें खस्ताहाल हैंउन सड़कों की जल्द ही मरम्मत शुरू कराई जाएगी

मोइनुद्दीन, चीफ इंजीनियर

सोनिया-सिगरा मार्ग काफी खराब हैइस रास्ते पर काफी लोग चोटिल हो चुके हैंलोग अगर संभलकर न चलें तो आए दिन दुर्घटना होती रहती है

अजीत सिंह बग्गा, व्यापारी नेता

सड़क बनाने के लिए कई बार धरना-प्रदर्शन हुआ, लेकिन आज तक रोड नहीं बनाई गईसतही तौर पर गिट्टियां डालकर गड्ढों को पाट दिया जाता है.

साक्षी सिंह, हाउस वाइफ

बारिश में तो और भी नारकीय स्थिति हो जाती हैखासकर रात में कोई इधर से गुजरता है तो गड्ढे में चला ही जाता हैफिर वह घर की बजाय हॉस्पिटल पहुंच जाता है.

जित्तन चौधरी, व्यापारी

नगर निगम का आफिस सामने ही है, लेकिन सड़कों का गड्ढा पाटने के लिए आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गयाकमीशनखोरी ने स्थिति को नारकीय बना दिया है.

राजकुमार सोनकर, दुकानदार

सिगरा सड़क से लेकर सोनिया होते हुए औरंगाबाद तक की सड़कें काफी खराब हैंआगे नई सड़क तक सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं, जिनपर अक्सर हादसे होते रहते हैं.

सुनील गुप्ता, क्षेत्रीय नागरिक