-अखिल भारतीय विद्वत परिषद के अलंकरण समारोह का केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किया शुभारंभ, काशी की संस्कृति को बताया विश्व में श्रेष्ठतम

VARANASI

दुनिया के किसी भी देश में चले जाएंगे तो भी काशी की संस्कृति से किसी का मोल नहीं है, मेरा मानना है कि काशी को सांस्कृतिक राजधानी नहीं कहां जाए, राजधानियां तो बदलती रहती हैं, बल्कि राजधानी से कहीं ऊपर है काशी की संस्कृति। भारत में अद्भुत है काशी की संस्कृति। यह उद्गार केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के रहे। वह रविवार को नरिया स्थित अखिल भारतीय विद्वत परिषद के विद्व्त अलंकरण समारोह में चीफ गेस्ट थे। समारोह में बीजेपी नेताओं ने गर्मजोशी से राजनाथ सिंह का स्वागत किया।

अंगे्रजी किताबों में छाई है काशी

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि काशी की परंपरा ने किसी के साथ पक्षपात नहीं किया है, दुनिया के किसी भी कोने में जाकर पूछिये महान राजा किसे मानते हैं, लोग तरह-तरह के राजाओं के नाम सुझाएंगे। लेकिन भारत में किसी मासूम बच्चे से भी पूछेंगे तो वह राजा रामचंद्र व राजा हरिश्चंद्र का नाम लेंगे। वह इन राजाओं को राजा मानते हैं, क्योंकि राजाओं ने त्याग किया था। कई विदेशी लेखकों ने अपनी किताबों में गंगा सहित काशी की संस्कृति को महान बताया है।

भगवती सरस्वती चांदी सिक्के लोकार्पण

अखिल भारतीय विद्वत परिषद के अलंकरण समारोह व अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का शुभारंभ अपराह्नन पौने चार बजे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। समारोह में उन्होंने भगवती सरस्वती के रजत सिक्के का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्हे सारस्वत सम्मान से सम्मातिन किया गया। देश-विदेश से पधारे विद्वानों के बीच विद्वत परिषद की ओर से विरचित ग्रंथ वैदुषी, महामृत्युंजय मंत्र साधना, प्रागजन्मसंस्कार, वास्तुविद्या, यद्धा का भी विमोचन किया गया। समारोह में अशोक कावडिया, प्रो। रूपकिशोर शास्त्री, प्रो। गोकुलेंद्र गोस्वामी, प्रो। नवोनारायण बंदोपाध्याय, विनय झा, पं। निर्मल दुबे आदि रहे। अध्यक्षता प्रो। जयशंकर लाल त्रिपाठी, संचालन राष्ट्रीय महासचिव डॉ। कामेश्वर उपाध्याय व धन्यवाद ज्ञापित पं। रामपूजन पांडेय ने किया। बीजेपी नेताओं में लक्ष्मण आचार्य, विधायक रविंद्र जायसवाल, ज्योत्सना श्रीवास्तव, चंदौली सांसद डॉ। महेंद्रनाथ पांडेय, डॉ। दयाशंकर मिश्र दयालु, अशोक पांडेय, राकेश त्रिवेदी आदि रहे।

इन्हें किया गया सम्मानित

स्पेशल गेस्ट सांसद डॉ। सत्यपाल सिंह, प्रो। अविनाश चंद्र पांडेय, प्रो। रमेश कुमार पांडेय, प्रो। रमेशचंद्र पंडा, प्रो। यदुनाथ प्रसाद दुबे, प्रो। प्रफुल्ल कुमार मिश्र, डॉ। विक्रम सिंह, डॉ। जयंत कुमार, प्रो। जार्डन हैंडर, राधा मोहन नन्हकू, प्रो। झारखंड ओझा, प्रो। चंद्रभूषण झा, प्रो। भाष्कर भट्टाचार्य, सुधांशु पांडेय, मनोज कुमार, प्रो। युगल किशोर मिश्र, प्रो। जयप्रकाश त्रिपाठी, प्रो.बाल शास्त्री, बीएचयू के डॉ। ओमशंकर, आचार्या नन्दिता चौधरी, रश्मि सिंह आदि विद्वानों को सम्मानित किया गया।

सर्किट हाउस से निकलकर राजनाथ सिंह सीधे तीन बजे संकटमोचन मंदिर पहुंचे। यहां बीजेपी के सीनियर नेताओं डॉ। दयाशंकर मिश्र दयालु, अशोक पांडेय आदि ने राजनाथ सिंह का स्वागत किया। दर्शन-पूजन करने के बाद वह सीधे अखिल भारतीय विद्वत परिषद के कार्यक्रम के लिए रवाना हुये। बनारस से वापस नई दिल्ली लौटते समय राजनाथ सिंह ने बाबा विश्वनाथ मंदिर में भी मत्था टेका। शाम सात बजे वह सेना के हेलीकाप्टर से बाबतपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना हुये। इस दौरान वह भाजपा नेताओं से भी गुफ्तगू की।