-उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद ने माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड पर लगाया आरोप

- विज्ञापन निरस्त करने व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग

यूपी बोर्ड से संचालित 80 परसेंट माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद रिक्त हैं। वर्ष 2013 में प्रधानाचार्यो की नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। आठ वर्ष बीत जाने के बावजूद अब तक नियुक्ति नहीं की जा सकी है। वहीं उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद ने चयन बोर्ड पर आवेदन का रिकार्ड भी गायब करने का आरोप लगाया है। परिषद ने इसे घोर लापरवाही बताते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।

परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष ब्रजेश शर्मा व प्रांतीय संयोजक डा। विश्वनाथ दुबे ने चयन बोर्ड की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए तत्काल प्रभाव से वर्ष 2013 में जारी विज्ञापन को निरस्त करने की मांग की है। बताया कि परिषद के प्रदेश प्रवक्ता सुनील मिश्र ने वर्ष 2013 में 599 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए थे। सूबे में करीब चार हजार लोगों ने आवेदन किया था। सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कालेज के प्रधानाचार्य व प्रांतीय संयोजक डा। दुबे ने विद्यालयों में प्रधानाचार्यो का पद रिक्त होने के कारण पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। प्रदेश सरकार से उन्होंने अध्यादेश के माध्यम से तदर्थ प्रधानाचार्यो के विनियमितीकरण करने की मांग की है।