वाराणसी (ब्यूरो)आमतौर पर बारिश के मौसम में होने वाली बीमारी कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) के मामले बनारस में बढऩे लगे हैंयहां के सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इस बीमारी को लेकर बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैंओपीडी में 50 प्रतिशत से ज्यादा मरीज सिर्फ इसी संक्रमण के आ रहे हैंमंडलीय हॉस्पिटल की ईएनटी ओपीडी में डेली आने वाले 100 में से 50 से 60 प्रतिशत मरीजों की आंखों में बैक्टीरियल संक्रमण के लक्षण देखने को मिल रहे हैंइसमें स्कूली बच्चों से लेकर बड़े तक शामिल हैंमरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिकित्सकों ने सभी को इससे बचाव की सलाह दी है

बच्चे ज्यादा प्रभावित

आई स्पेशलिस्ट्स का कहना है कि कंजक्टिवाइटिस बड़ी तेजी के साथ फैल रहा हैइसका कारण एडीनो वायरस का संक्रमण माना जा रहा हैलेकिन बहुत से रोगियों में एडीनो वायरस के साथ बैक्टीरिया का भी संक्रमण हैइससे आंखों की पुतली की रगों से खून का रिसाव हो जा रहा हैइसे हेमरेजिक कंजक्टिवाइटिस कहते हैंबच्चे और बड़े सभी बीमारी की चपेट में आ रहे हैंमरीजों में स्कूली बच्चों की संख्या अधिक हैइसके अलावा कुछ जगहों पर समूचा परिवार कंजक्टिवाइटिस की चपेट में हैंइसमें आंखें लाल होने के साथ पानी आता है साथ ही अंदर दाने बनने लगते हैं जो बाहर से देखने पर नजर नहीं आते हैं

संपर्क में आने से बचें

घर में एक सदस्य को हुआ तो अन्य सदस्यों के संक्रमित होने के मामले आ रहे हैंलोगों में यह भ्रांति है कि आंखों में देखने से यह बीमारी फैलती है, जबकि ऐसा नहीं हैयह आंखों में देखने से नहीं होता हैदरअसल, मरीज को चश्मा उनकी सहूलियत के लिए दिया जाता हैआंखों में दर्द बना रहता हैरोशनी से परेशानी होती हैइसलिए उन्हें काला चश्मा पहनाया जाता हैएक-दूसरे की आंखों में देखने से संक्रमण नहीं फैलता हैइसका फैलाव तब होता है जब मरीज अपनी आंखों को छूकर कोई वस्तु छू ले और उसी चीज को पास वाला व्यक्ति छू देऐसी स्थिति में यह इस रोग का फैलाव हो जाता हैइसके लिए जरूरी है कि हाइजीन का ख्याल रखेंअपनी इस्तेमाल चीजें दूसरों को इस्तेमाल नहीं करने दी जाए

क्या है कंजक्टिवाइटिस

आंख की बाहरी झिल्ली और पलक के भीतरी हिस्से में सूजन या संक्रमण को कंजक्टिवाइटिस कहा जाता हैयह एलर्जी या बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है

इससे कैसे बचें

- आंखों को साफ पानी से धोएं.

- संक्रमित व्यक्ति की छुई चीजों को न छुएं

- आंखों में खुजली हो तो हाथों से न मलें

- संक्रमित बच्चे को स्कूल न भेजें

क्या हैं लक्षण

- आंखें लाल होना

- आंखों में सूजन

- आंखों से पानी बहना

- आंखों में दाने

- सिरदर्द होना

- आंखों के आसपास डिस्चार्ज या पपड़ी

क्या करें, क्या ना करें

- आंखों को बार-बार न छुएं

- कॉमन चीजें को शेयर नहीं करें

- हाथों को साफ करते रहें

- काला चश्मा पहनें

- आंखों को बार-बार छुए नहीं

- आंखों की जांच करवाएं

- घर से बाहर कम निकलें

ये बिल्कुल न करें

- किसी व्यक्ति को यदि कंजक्टिवाइटिस हो गई है तो उसकी आंखों में न देखें और न ही उसका रुमाल, तौलिया, टॉयलेट की टोंटी, दरवाजे का हैंडल, मोबाइल आदि छूने से बचें.

कैसे फैलता है

कंजक्टिवाइटिस कुछ मामलों में बेहद संक्रामक हो सकता है और पहले से ही संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता हैबीमारी फैलने की बड़ी वजह ये है कि जब संक्रमित लोग बार-बार अपनी आंखों को छूते हैं और अपने हाथों को साफ करना भूल जाते हैं.

कंजक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या बढ़ गई हैघर में एक सदस्य को हुआ तो अन्य सदस्यों के संक्रमित होने के मामले आ रहे हैंओपीडी में कुल मरीजों में से 50 प्रतिशत से ज्यादा सिर्फ इसी संक्रमण के आ रहे हैंपेशेंट अपनी आंखों को लगातार छूने से बचें, खासकर अगर आपके हाथ ठीक से नहीं धोए गए हो तब.

डॉअंशुमान सिंह, पापुलर हॉस्पिटल

यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले 10 में से 8 को संक्रमित कर देता हैपलकों के अंदर लालिमा और सूजन आ जाती हैओपीडी में इस लक्षण के साथ आने वाले मरीजों में बच्चों की संख्या ज्यादा हैस्कूलों में आंखों के संक्रमण से जूझ रहे बच्चे से दूसरे बच्चों में इसका तेजी से प्रसार होने की आशंका रहती है

कमला प्रसाद, मंडलीय हॉस्पिटल