वाराणसी (ब्यूरो)खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट 20 मिनट में मिलेगीलोग भी खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच करा सकेंगेखाद्य सुरक्षा और औषधि विभाग को एक नई फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स लैब मिली है, जो स्थायी रूप से जून महीने से पूरे जनपद में घूम-घूम कर खाद्य पदार्थों की जांच करेगीवर्तमान में एक वैन लैब है, जो पूरे मंडल में काम करती हैफूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स लैब की सुविधा उपलब्ध कराएगीलैब से दूध में फैट की मात्रा, मिलावट वाले स्टार्च, यूरिया, जैसे रसायनों की जांच होगीसाथ ही अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच भी हो जाएगीइससे मिलावट करने वाले लोगों पर कार्रवाई की प्रक्रिया आसान होने की उम्मीद है.

स्मार्ट कंज्यूमर का दर्जा मिलेगा

आधुनिक लैब के माध्यम से कोई भी उपभोक्ता मौके पर दूध और दूध से बने पदार्थ, आटा, दाल, चावल, तेल, घी, मसाले, ठंडे पेय पदार्थ तथा पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की जांच करा सकेगाइन्हें फूड स्मार्ट कंज्यूमर का दर्जा मिलेगाविभाग ने फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स पर नियुक्ति के लिए लैब टेक्नीशियन और अन्य स्टाफ की तैनाती होगी.

जागरूकता अभियान चलेगा

खाद्य सुरक्षा व औषधि विभाग द्वारा फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स नामक मोबाइल प्रयोगशाला से लोगों को खाद्य पदार्थो की सुरक्षा व जांच के बारे में जागरूक किया जाएगाशहर, बाजार, गांव में जाकर लोगों के खाद्य पदार्थों की जांच के बारे में भी जानकारी दी जाएगीअभी तक एक वैन है, जो पूरे मंडल के लिए हैएक नई फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स आ चुकी हैबहुत जल्द ही इसका शेड्यूल तय होगा, जो स्थायी रूप से वाराणसी के लिए उपलब्ध रहेगी.

रिपोर्ट में लगते हैं तीन माह

वाराणसी समेत आसपास के जिलों के खाद्य पदार्थों के नमूनों को जांच के लिए लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में भेजा जाता हैकुछ नमूनों को वाराणसी की प्रयोगशाला में भेजा जाता हैइसका मुख्य कारण यह है कि जांच रिपोर्ट को सत्यापित किया जा सके। 15 दिन में जांच रिपोर्ट जारी करने का नियम हैइसके बावजूद रिपोर्ट आने में दो से तीन माह का समय लगता हैअभी अटकी है कई रिपोर्ट एक अप्रैल वर्ष 2022 से अप्रैल 2023 तक विभाग ने वाराणसी में 520 के करीब नमूने एकत्र किए थे

लैब में ये उपकरण होंगे

मोबाइल लैब में मिल्क एनालाइजर, हॉट एयर ओवन, हॉट प्लेट, मिक्सर ग्राइंडर, डिजिटल वेइंग स्केल, डिजिटल मल्टी पैरामीटर, हेड हेल्ड मीटर, डिजिटल रिफ्र क्टोमीटर आदि उपकरण मौजूद हैंदूध में फैट की मात्रा, मिलावट वाले स्टार्च, यूरिया, पानी में टीडीएस, जैसे रसायनों की जांच मौके पर ही की जा सकेगीशिकायत होने पर मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब पर अधिकारी का नाम, पता मोबाइल नंबर चस्पा करना अनिवार्य है.

मिलावट के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चल रहा हैफूड सेफ्टी ऑन व्हील्स लैब से मौके पर जांच कर जागरूक किया जाता हैवाराणसी के लिए स्थायी व्हील्स लैब मिली हैजून महीने से शहर में लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा.

अमित श्रीवास्तव, सहायक खाद्य सुरक्षा अधिकारी