आई एक्सक्लूसिव

-माओवादियों के खौफ से भारत नेपाल मैत्री बस का बदला रूट, बनारस से काठमाण्डू के लिए चलती है वॉल्वो

-सोनौली के बाद रूट बदलने से बढ़ी 30 किमी की जर्नी, सीएम अखिलेश यादव ने चार मार्च को किया था मैत्री बस सेवा का शुभारंभ

VARANASI

देश में जहां आतंकवाद डरा रहा है वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी के लोगों पर माओवादियों का खतरा मंडराने लगा है। बनारस से नेपाल को जाने वाली मैत्री बस सेवा पर माओवादियों की नजरें टेढ़ी हो गई हैं। इस खतरे को भांपते हुए जहां बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, वहीं मैत्री बस सेवा का रूट भी बदल दिया गया है। अब मैत्री बस सेवा के यात्रियों को पहले से तीस किमी अधिक सफर तय करना पड़ रहा है। हालांकि माओवादी के इस खतरे के बारे में कोई अधिकारी खुली जुबान से कुछ नहीं कह रहा है, मगर रूट बदलना उनके इस डर को साफ बयां कर रहा है। भारत-नेपाल के संबंधों में प्रगाढ़ता बढ़े, इसी सोच के साथ बनारस-काठमाण्डू मैत्री बस सेवा का शुभारंभ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चार मार्च, ख्0क्भ् को पुलिस लाइन से किया था।

सोनौली के बाद बढ़ी माओवादियों की हलचल

मैत्री सेवा वॉल्वो कैंट रोडवेज बस स्टेशन से आजमगढ़-गोरखपुर-सोनौली होते हुए काठमाण्डू पहुंचती है। इधर कुछ दिनों से नेपाल में माओवादियों के भय से वॉल्वो बस को सोनौली से नारायणघाट तक पहुंचने के लिए लॉन्ग रूट का सहारा लेना पड़ रहा है जो बाईपास से होते हुए भैरहवा-भूटवल रूट से होते हुए नारायणघाट पहुंचती है, इससे वॉल्वो को फ्0 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है। जिससे लगभग एक घंटा का सफर भी बढ़ा है। जबकि पहले वॉल्वो सोनौली से नारायणघाट तक परासी-भूमही रूट से होकर पहुंचती थी। इस रूट पर ट्रैफिक बहुत कम और सुनसान रास्ता होने के कारण इधर कुछ दिनों से माओवादी अक्सर लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, इसी वजह से वॉल्वो का रूट चेंज किया गया है।

सफर तो बढ़ा लेकिन किराया नहीं

भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा में एक दिन नेपाल की बस बनारस पहुंचती है तो दूसरे दिन बनारस की बस नेपाल पहुंचती है। क्भ् से क्8 घंटे के अंदर बनारस से काठमाण्डू और काठमाण्डू से बनारस बस पहुंचा रही है। हालांकि माओवादियों के खौफ के कारण तीस किमी का सफर तो बढ़ गया लेकिन किराया में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है।

-ब्क् सीटर की है वॉल्वो

-कैंट बस स्टेशन से विंडो टिकट और ऑनलाइन टिकट अवेलेबल

-रात में दस बजे बनारस से होती है रवाना

-बनारस से काठमाण्डू का फेयर है क्फ्फ्फ् रुपये

बनारस-काठमाण्डू मैत्री बस सेवा का रूट चेंज किया गया है, ड्राइवर-कंडक्टर को जो रूट से सेफ लग रहा है, उस रास्ते से वॉल्वो को ले जा रहे हैं।

पीके तिवारी

आरएम, कैंट