CCTV कैमरा भी लगेगा
भारत कला भवन के सिक्योरिटी को और भी मजबूत करने की कवायद के तहत बिल्डिंग के हर एंट्री पॉइंट पर स्कैनर, मेटल डिटेक्टर लगाया जायेगा। म्यूजियम में आग किसी तरह नुकसान न पहुंचा सके इसके लिए पुराने फायर सेंसर को नया करने की तैयारी है। इसके अलावा भारत कला भवन के चारों ओर हाई रिजुलेशन सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे।


बिना चेकिंग entry नहीं
भारत कला भवन के मेन बिल्डिंग में एंट्री पॉइंट पर सिक्योरिटी और भी टाइट की जाएगी। इसके बाद कोई भी परसन बिना चेकिंग अंदर एंट्री नहीं कर सकेगा। लेडीज की चेकिंग के लिए महिला गाड्र्स की नियुक्ति की जायेगी। गेट पर मेटर डिटेक्टर की व्यवस्था पहले से ही है उसे और बेहतर बनाने की कवायद शुरू की गई है। तो कला भवन के अपनी वेबसाइट बनाने की दिशा में भी काम शुरू हो गया है। इस वेबसाइट पर कला भवन में सरंक्षित वस्तुओं को अपलोड किया जायेगा ताकि देश विदेश में कहीं बैठा व्यक्ति इन्हें देख सके।


एक लाख से अधिक रेयर वस्तुएं हैं संग्रहित
फेमस म्यूजियम भारत कला भवन को बनाने की शुरुआत 1920 में हुई। इसके पहले चेयरमैन गुरुदेव पं। रविन्द्र नाथ टैगोर थे। लेकिन इस म्यूजियम को विस्तृत रूप देने का श्रेय पद्मविभूषण राय कृष्ण दास को जाता है। प्रेजेंट में भारत कला भवन में एक लाख से अधिक पुरातन और रेयर वस्तुएं संग्रहित हैं। इनमें से कुछ तो ऐसी हैं जो वल्र्ड के किसी म्यूजियम में नहीं मिलेंगी।