BHU में 'बदलते वैश्रि्वक परिप्रेक्ष्य में भारतीय कला विरासत व चुनौतियां एवं संभावनाएं' विषयक तीन दिवसीय सेमिनार का हुआ उद्घाटन

VARANASI

हिस्ट्री ऑफ आर्ट डिपार्टमेंट बीएचयू की ओर से सोमवार को 'बदलते वैश्रि्वक परिप्रेक्ष्य में भारतीय कला विरासत व चुनॉतियां एवं संभावनाएं' विषय पर तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ हुआ। केएन उडप्पा ऑडिटोरियम में हुए आयोजन में बतौर चीफ गेस्ट ठुमरी साम्राज्ञी पद्भूषण गिरिजा देवी ने शिरकत की। उन्होंने नयी पीढ़ी से अपनी संस्कृति एवं इतिहास को जानने को कहा। मौजूदा समय में काशी की समृद्ध संगीत परम्परा एवं संस्कृति की उपेक्षा पर उन्होंने दु:ख प्रकट किया। कहा की बदलते परिप्रेक्ष्य में भारतीय सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की जरूरत है।

जड़ों में संस्कृति का बीज हो

अध्यक्षता करते हुए वीसी प्रो गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि हम सब साइंस के क्षेत्र में तो बहुत आगे जा रहे हैं पर अपनी सांस्कृतिक विरासत से दूर होते जा रहे हैं। कहा कि

आधुनिकता तभी सुन्दर रह सकती है जब उसकी जड़ों में संस्कृति का बीज हो। गेस्ट ऑफ ऑनर नेशनल म्यूजियम दिल्ली के एमडी बीआर मणि ने भारत सरकार की ओर से मूर्त एवं अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्त्रमों की जानकारी दी। डॉ ओपी केजरीवाल ने अपने सेवाकाल के अनुभवों को साझा किया। प्रो अनुरा मानातुंगा ने भारतीय संस्कृति कला की आधुनिकता से मिल रही चुनौतियों पर चिन्ता प्रकट की। सेमिनार के संयोजक प्रो अतुल त्रिपाठी ने गेस्ट्स का स्वागत किया।