-काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ इनॉगरेशन

VARANASI

पत्रकारिता की आत्मा उसकी भाषा, तथ्य और सत्य में है। बदलते दौर में पत्रकारिता की भाषा बेहद संयमित होनी चाहिए। ये बातें सोमवार को काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से आयोजित मीडिया की भाषा विषयक सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के इनॉगरेशन के मौके पर बतौर मुख्य वक्ता मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो। राममोहन पाठक ने कही। वीसी डॉ। पी नाग ने कहा कि वर्तमान में कई भाषाओं के गठजोड़ से नई मीडिया की भाषा बनी है। विशिष्ट अतिथि आई नेक्स्ट के जोनल एडिटोरियल हेड विश्वनाथ गोकर्ण ने कहा कि मीडिया की भाषा संवादी होनी चाहिए। जिससे वो सीधे पाठक के दिल में उतर जाए। इस क्रम में वरिष्ठ पत्रकार विनय सिंह, विजय विनीत, बीएचयू के प्रो। अनुराग दवे ने भी मीडिया और उसकी भाषा पर विचार व्यक्त किया। गेस्ट का स्वागत हेड प्रो। अनिल कुमार उपाध्याय ने किया। जबकि संचालन डॉ। विनोद सिंह व धन्यवाद ज्ञापन डॉ। अरुण कुमार शर्मा ने दिया। वहीं कार्यशाला के पहले तकनीकी सत्र हिंदी भाषा एवं मीडिया पर बीएचयू के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो। रंगनाथ पाठक ने मीडिया की भाषा पर प्रकाश डाला। अध्यक्षता दूरदर्शन व आकाशवाणी के पूर्व निदेशक प्रेम नारायण ने की। वहीं डॉ। परमात्मा मिश्रा व डॉ। रजनीश चतुर्वेदी ने भी विचार व्यक्त किया। तकनीकी सत्र का संचालन डॉ। प्रभाशंकर मिश्र व धन्यवाद ज्ञापन डॉ। मनोहर लाल ने किया। इस मौके पर अध्यापक संघ के अध्यक्ष प्रो। शिवकुमार मिश्र, प्रो। उमारानी त्रिपाठी, प्रो। श्रद्धानंद, प्रो। राजीव द्विवेदी, डॉ। निशा सिंह, डॉ। रश्मि श्रीवास्तव, डॉ। रुद्रानंद, डॉ। रमेश सिंह, डॉ। नंदबहादुर, दिग्विजय त्रिपाठी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

पत्रकारिता विभाग को मीडिया लैब की सौगात

काशी विद्यापीठ में पत्रकारिता के स्टूडेंट्स अब मीडिया में होने वाले प्रैक्टिकल वर्क को विभाग में ही सीख सकेंगे। जी हां, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग को मीडिया लैब की सौगात सोमवार को मिल गयी। नवनिर्मित मीडिया लैब का इनॉगरेशन हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जर्नलिज्म के क्षेत्र में ट्रेनिंग का महत्व अधिक है। यह लैब पत्रकारिता के स्टूडेंट्स के लिए वरदान साबित होगा। वीसी डॉ। पी नाग ने भी छात्रों के लिए लैब को उपयोगी बताया। प्रो। अनिल कुमार उपाध्याय और प्रो। राममोहन पाठक ने भी विचार व्यक्त किया। इस मौके पर रजिस्ट्रार ओमप्रकाश, चीफ प्रॉक्टर प्रो। शंभूनाथ उपाध्याय, प्रो। चतुर्भुनाथ तिवारी, प्रो। उमारानी त्रिपाठी आदि रहे।