- बीएचयू स्थित ट्रामा सेंटर और सरसुंदर लाल अस्पताल के बाहर एम्बुलेंस की रहती है लम्बी कतारें

- आईसीयू वैन में मरीज को ले जाने की कीमत रखी है 20 हजार रुपये

- बीएचयू-नरिया मार्ग पर मौजूद एम्बुलेंस चालक मरीजों के परिजनों से वसूलते हैं मनमाने पैसे

पूर्वाचल के एम्स के रूप में विख्यात बीएचयू स्थित ट्रामा सेंटर और सरसुंदर लाल अस्पताल के बाहर एम्बुलेंस की लम्बी कतारें लगी रहती हैं। यहां मरीजों की मजबूरी के सामने इनकी मनमानी की खबरें अक्सर सामने आती हैं। ये लोग मरीजों को ले जाने के नाम पर मनमाने तरीके से पैसे मांगते हैं। इसमें कितनी सच्चाई है, यह जानने के लिए रविवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ने टीम ने बीएचयू-नरिया मार्ग पर मौजूद एम्बुलेंस चालकों से मौके पर और फोन से बातचीत की तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने निकल कर आए। यह जानकार आप भी चौक जाएंगे कि मरीज को ऑक्सीजन लगाकर जौनपुर तक ले जाने का चार्ज सात हजार रुपये है। वहीं आईसीयू वैन में मरीज को ले जाने की कीमत 20 हजार रुपये है। वे बताते हैं कि उनका शहर के अधिकतर अस्पतालों में संपर्क भी है, जो मरीजों को ठीक कराने का दावा भी करते हैं।

बातचीत में एम्बुलेंस चालक ने क्या कहा आप भी जानिए

रिपोर्टर-भाई एम्बुलेंस वाले बोल रहे हैं

एम्बुलेंस चालक- जी

रिपोर्टर- मरीज को लेकर जौनपुर जाना है

एम्बुलेंस चालक- गंभीर मरीज है, या सामान्य

रिपोर्टर- ऑक्सीजन लगाकर ले जाना है

एम्बुलेंस चालक- ठीक है, सात हजार रुपये लगेंगे

रिपोर्टर- भाईजी बहुत ज्यादा पैसा है

एम्बुलेंस चालक- अरे साहब तेल कितना महंगा हो गया है, आपको पता ही होगा

रिपोर्टर- पता है भाई, फिर भी देख ले थोड़ा

एम्बुलेंस चालक- ऑक्सीजन से भरा सिलेंडर भी होगा

रिपोर्टर-आईसीयू वैन भी होगा

एम्बुलेंस चालक- जी मिल जाएगा, लेकिन उसका चार्ज अलग है

रिपोर्टर- इसके लिए कितना लगेगा

एम्बुलेंस चालक- 20 हजार रुपये

रिपोर्टर-20 हजार बहुत ज्यादा है भाई

एम्बुलेंस चालक- एम्बुलेंस में एक डॉक्टर, वार्ड ब्वॉय, ड्राइवर मौजूद रहेंगे

रिपोर्टर - डॉक्टर बीएचयू के होंगे क्या

एम्बुलेंस चालक- नहीं, एमबीबीएस डॉक्टर होते हैं, जो निजी प्रैक्टिस करते हैं

रिपोर्टर-ठीक है, बीएचयू के डॉक्टर होते तो अच्छा होता। स्थिति खराब होने पर संभाल लेते

एम्बुलेंस चालक- मरीज की स्थिति बहुत गंभीर है तो चांदपुर में एक अस्पताल है, जहां गंभीर से गंभीर मरीज ठीक हो जाते हैं

रिपोर्टर - वहां पैसा भी बहुत ज्यादा लगेगा भाई

एम्बुलेंस चालक- नहीं, मेरी अच्छी बातचीत है। 10 से 20 हजार भी जमा कर देंगे तो इलाज शुरू हो जाएगा

रिपोर्टर - ठीक है थोड़ी देर में बता रहे हैं

एम्बुलेंस चालक- दस से पंद्रह मिनट पहले बता दीजिएगा

बिहार व मप्र से आते हैं लोग

बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल में पूर्वाचल के अलावा बिहार और मध्य प्रदेश भी लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। कुछ ठीक हो कर चले जाते है तो कुछ लोगों की गंभीर बीमारी को देखते हुए दिल्ली या अन्यत्र रेफर कर दिया जाता है यहां के डॉक्टरों द्वारा। इसी के बाद ही एम्बुलेंस की जरूरत पड़ती है। यही से शुरू हो जाती है एम्बुलेंस चालकों की मनमानी।

बीएचयू के बाहर लम्बी लाइन लगी रहती है

सर सुंदरलाल चिकित्सालय के इमरजेंसी के बाहर बीएचयू की दीवार से लेकर नरिया तक आपको दर्जनों की संख्या में एम्बुलेंस हमेशा नजर आ जाएंगे। सब से बड़ी बात यह है कि एम्बुलेंस तो बाहर, लेकिन चालक आप को अस्पताल के अंदर घूमते-टहलते नजर आएंगे। जहां ये अपने शिकार की तलाश में टहलते हैं। मौका मिलते ही तीमारदार को अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में फंसा कर अस्पताल से डिस्चार्ज तक करवा लेते है। इसके बाद इनका खेल शुरू होता है। इनके द्वारा कमीशन पर तय निजी अस्पताल में ये मरीज को पहुंचा कर अपना कमीशन लेकर फिर निकल लेते है नये शिकार की तलाश में।

शराब पीकर चालक चलाते हैं एम्बुलेंस

रविवार को बीएचयू के बाहर खड़ी एम्बुलेंस में शराब पीने और पिलाने का दौर भी चल रहा था। एम्बुलेंस की पिछली सीट पर बकायदा शराब पीने वालों की महफिल सजी थी। सभी के गिलास में शराब भरी थी, साथ ही वहां चखना भी मौजूद था।

::: कोट ::

बोलेरो या सूमो से मरीज या लोग जाते हैं तो 11 रुपये प्रति किमी आना-जाना चार्ज लिया जाता है। इसी तरह लग्जरी वाहन से सफर पर 22 रुपये प्रति किमी आना-जाना चार्ज किया जाता है। सामान्य एम्बुलेंस में अमूमन 14 रुपये प्रति किमी आना-जाना और आईसीयू वाहन का 24 से 30 रुपये प्रति किमी चार्ज है। इससे अधिक वसूलते हैं तो यह गलत है। मजबूरी का फायदा उठाना उचित नहीं है।

मनोज तिवारी, ओनर टूर एंड ट्रेवल्स