वाराणसी (ब्यूरो)मंगलवार को 41.6 डिग्री सेल्सियस तापमान में पूर्वांचल के सबसे चर्चित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रसंघ चुनाव संपन्न हो गयालेकिन, इस बार वोटिंग प्रतिशत बेहद निराशाजनक रहापिछले साल के 48 फीसदी वोटिंग के मुकाबले सिर्फ 31.45 फीसदी यूथ ही बूथ पर पहुंचेबताया जा रहा है कि कड़ी धूप और सेमेस्टर परीक्षा के चलते छात्र वोटिंग बूथ तक नहीं पहुंच पाएहालांकि छात्र नेता भरसक प्रयास कर वोटिंग को बढ़ाने की जुगत में लगे हुए थेकुल 23 बूथों पर मतदान विश्वविद्यालय के मानविकी संकाय में सुबह 9 बजे से चल रहा था और यह दोपहर 2 बजे खत्म हो गयाकाउंटिंग स्थल पर हंगामा की वजह से अब वोटों की गिनती रात साढ़े 9 बजे तक हुई.

कड़ी सुरक्षा व गहमागहमी के बीच मंगलवार महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर शशि प्रकाश चंदन, उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के शिवजनक गुप्त व पुस्तकालय मंत्री पद पर एबीवीपी के शुभम कुमार पाल निर्वाचित घोषित हुए हैंवहीं महामंत्री एबीवीपी के अभिषेक सोनकर व एनएसयूआइ के प्रभु पटेल को 1426-1426 बराबर बराबर मत मिलेङ्क्षलगदोह समिति के नियमानुसार वरिष्ठता के आधार पर अभिषेक को देर रात महामंत्री निर्वाचित घोषित किया गयापरिणाम घोषित होते ही प्रभु के आंखों में पानी आ गया

वहीं प्रभु के समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दियापुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद छात्र का हुजूम परिसर के वापस गयामुख्य चुनाव अधिकारी प्रोआरपी ङ्क्षसह के मुताबिक अध्यक्ष पद पर शशि प्रकाश ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी प्रियेशु को महज 52 मतों के अंतर से पराजित कियाशशि प्रकाश को 1212 व प्रियेशु को 1160 मत मिलेदोनों ही निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थेउपाध्यक्ष पद पर शिवजनक गुप्ता ने 1582 मत पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी रङ्क्षवद्र कुमार ङ्क्षसह शानदार 953 मतों के अंतर से पटकनी दीरङ्क्षवद्र महज 629 पाकर संतोष करना पड़ापुस्तकालय मंत्री पद पर शुभम ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राछासं के दीपक कुमार 471 मतों से पराजित कियाशुभम 1368 व दीपक को 897 मत मिलेइस बार समाजवादी छात्रसभा (सछास) से अपना पैनल नहीं घोषित किया थाजबकि पिछली बार अध्यक्ष (सछास) उपाध्यक्ष व महामंत्री पद पर एनएसयूआइ तथा पुस्तकालय मंत्री पद पर निर्दल प्रत्याशी निर्वाचित घोषित हुए थे

खत्म हो गया पानी, प्यासे रहे कंठ

छात्रसंघ चुनाव को लेकर कुल 12 बूथ बनाया गया थाइसमें से कई बूथ गल्र्स वोटर्स के लिए रिजर्व थेवोटिंग के दौरान बूथों पर कई घंटों लंबी लाइन लगी रहीऐसे में गर्मी से व्याकुल स्टूडेंट के लिए पानी के स्टाल लगाए गए थेजो कुछ ही घंटों में लगा वाटर केन खाली हो गयाकंठ तर करने के लिए सैकड़ों स्टूडेंट को पानी के लिए भटकना पड़ाइतना ही नहीं पानी नहीं मिलने पर प्यासे ही रहना पड़ा.

जब गिरना पड़ा पैर पर

कैंपस में समय से इलेक्शन का शोर और बूथ पर वोट गिरना शुरू हो गया थाकैंपस के अंदर वोटर्स और उम्मीदवारों को अनुमति थीऐसे में बेचारे समर्थक की ड्यूटी गेट के बाहर ही थीअपने नेता को जीताने के लिए समर्थक मेल-फीमेल वोटर्स के कदमों में शीश नवाते नजर आएयह सिलसिला कई घंटों तक विवि गेट के बाहर मेन सड़क पर चलता रहा

धांधली का आरोप और बवाल

विद्यापीठ में मंगलवार को छात्रसंघ चुनाव के लिए वोटिंग के बाद शुरू हुई काउंटिंग के दौरान शाम में छात्रनेताओं ने धांधली और लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दियामौके पर मुस्तैद पुलिस ने छात्रों को समझाने की कोशिश की पर छात्र कुछ भी सुनने को तैयार नहीं दिखेछात्रनेता सड़क पर बैठकर धरने पर उतर आये और काउंटिंग रुम में जाने की जिद करने लगेआरोप लगाया कि विपक्ष के कुछ छात्र काउंटिंग स्थल पर मौजूद हैं

जब दोनों गलती कर बैठे

विज्ञान और प्रौद्योगिक संकाय प्रतिनिधि पद के उम्मीदवार उत्कर्ष चौरसिया ने बताया कि उनके संकाय का बूथ संख्या सिर्फ 7 और 21 हैआरोप लगाया कि इसके बाद भी जब बैलेट खुला तो उसमें पहले, दूसरे और तीसरे बूथ में 300 वोट दिखा दिया गया, जबकि ऐसा हो ही नहीं सकतासंकाय प्रतिनिधि का वोट सिर्फ संकाय के छात्रों द्वारा दिया जाता है, पर बैलेट में पूरे कॉलेज का वोट था

तब मान गए स्टूडेंट

छात्र ने आरोप लगाया कि अगर ऐसा था तो विश्वविद्यालय प्रशासन को पहले ही हमें सूचित करना चाहिए था, ताकि हम पूरे कॉलेज में अपना प्रचार कर सकतेइस गहमागहमी में कुछ छात्रनेता प्रस्तावक के साथ काउंटिंग स्थल मे घुस गएमौके पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को समझा बुझाकर बूथ से बाहर किया और काउंटिंग कर रहे अध्यापकों ने छात्रों को समझाने की कोशिश की जिसके बाद छात्र शांत हुए