वाराणसी (ब्यूरो)ज्ञानवापी परिसर में स्थित मस्जिद के तीनों गुंबदों के नीचे शिखरनुमा आकृति पाई गई हैमस्जिद के बाहर से दिखने वाले गुंबद इन शिखरों के ऊपर बनाए गए हैंइस तथ्य का उल्लेख स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल ङ्क्षसह ने 14 से 16 मई तक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट में किया हैउन्होंने गुरुवार को सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में 13 पृष्ठों की रिपोर्ट प्रस्तुत कीइसके साथ परिसर के तीन नए मानचित्र और दो पुराने मानचित्र कोर्ट में सौंपेसाक्ष्य से जुड़े फोटोग्राफ व वीडियो अदालत में जमा कराए गएरिपोर्ट में जगह-जगह ङ्क्षहदू धर्म-संस्कृति से जुड़े चिह्न मिलने का उल्लेख है

दी है विस्तृत रिपोर्ट

रिपोर्ट में मस्जिद के तीनों गुंबद के बारे में उल्लेख हैबताया गया है कि इनकी आकृति अंदर से शंकुकार शिखरनुमा हैवादी पक्ष इसे प्राचीन मंदिर के ऊपर का शिखर बता रहा हैउत्तर दिशा में स्थित गुंबद के अंदर करीब साढ़े आठ फीट नीचे शंकुकार शिखरनुमा आकृति हैइसकी ऊंचाई 2.5 फीट हैव्यास लगभग 18 फीट हैबाहरी गुंबद की दीवार की मोटाई 2.5 फीट हैगुंबद के अंदर तीन फीट चौड़ा रास्ता अंदर के शिखर के चारों तरफ हैमुख्य गुंबद के नीचे एक अन्य शंकुकार शिखर जैसा स्ट्रक्चर हैउसी के ऊपर मस्जिद का बाहर से दिखने वाला मुख्य गुंबद बनाया गया हैसर्वे रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण दिशा में तीसरे गुंबद में भी लगभग 21 फीट व्यास का शिखरनुमा शंकुकार स्ट्रक्चर हैयहां पत्थर पर कमल के फूल, पत्तों की कलाकृतियां मिलीं

शिवलिंग का आकार बड़ा

विशेष एडवोकेट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मस्जिद क्षेत्र की पूर्व दिशा में स्थित वजूखाना लोहे की जाली में तीन तरफ से बंद हैइसके कुंड की नंदी विग्रह से दूरी 83 फीट तीन इंच हैइसमें वादी पक्ष के अनुसार जो शिवलिंग मिला है वह काली गोलाकार पत्थरनुमा आकृति, जिसकी ऊंचाई 2.5 फीट हैइसके टाप पर नौ गुणे नौ इंच का थोड़ा कम गोल कटा हुआ गोलाकार डिजाइन का अलग सफेद पत्थर हैइस गोलाकार आकृति की नाप की गई तो बेस का व्यास लगभग चार फीट हैरिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि सामान्य रूप से बड़े शिवङ्क्षलग का जो आकार होता है, वैसा ही इसका आकार प्रतीत होता हैप्रतिवादी इसे फव्वारा बता रहे हैं

63 सेमी गहरा छेद

एडवोकेट कमिश्नर ने अंजुमन इंतजामिया के मुंशी ऐजाज मोहम्मद से पूछा कि यह फव्वारा कब से बंद है तो बोले- काफी समय से बंद हैफिर उन्होंने कहा कि 20 वर्ष से बंद है, फिर कहा कि 12 वर्ष से बंद हैफव्वारा चालू करने में भी उन्होंने असमर्थता जताईइसके बीच में आधे इंच का छेद हैउसमें सींक डालने पर 63 सेमी गहरा पाया गयाइसके अलावा कोई छेद किसी भी तरफ नहीं मिलाफव्वारा के लिए कोई पाइप घुसाने का स्थान भी नहीं मिला हैवजू का हौज 33 गुणा 33 फीट का हैतहखाने की दीवार पर जमीन से तीन फीट ऊपर पान के पत्ते के आकार के फूल की छह आकृतियां बनी थीं.

जगह-जगह घंटी, कलश के चिह्न

14 मई को तहखाने के अंदर चार दरवाजे मिलेएक दरवाजा नई ईंट लगाकर बंद किया गया मिलायहीं चार-चार पुराने खंभे हैं, इन पर चारों ओर घंटी, कलश, फूल की आकृतियां बनी हुई हैंएक अन्य कमरे में चूने की नई पुताई की गई लगती हैचौथे कमरे में भी नया-चूना पेंट किया गया हैयहां बिना दरवाजे का छोटा तहखाना भी मिलाइसके बाहर मलबा होने की वजह से इसमें दाखिल नहीं हुआ जा सका

मस्जिद में भी त्रिशूल व मंत्र

ज्ञानवापी परिसर में बड़ा खंभा या बड़ी मीनार कहे जाने वाले स्थान पर बड़ी मीनार के नीचे बनी सीढ़ी के बगल में कुछ खुदा हैवादी पक्ष इसे मंत्र जबकि प्रतिवादी दीवार पर सुर्खी-चूने का लेप बता रहे हैंइसे भाषा विशेषज्ञ से जांच कराने की बात रिपोर्ट में कही गई हैमस्जिद के अंदर की दीवार पर स्विच बोर्ड के नीचे त्रिशूल की आकृति पत्थर पर खुदी हैबगल में आलमारी में जिसे मुस्लिम पक्ष ताखा कहते हैं स्वास्तिक का चिह्न मिला हैमस्जिद के अंदर पश्चिमी दीवार में हाथी की सूंडऩूमा आकृति हैमस्जिद की दरी को हटाने पर चुनार पत्थर की दो गुणे दो फुट आकार के पत्थर लगी जमीन मिलीइसे ठोकने पर वह जगह खोखली प्रतीत हुईऐसा एहसास हो रहा था कि ये पत्थर मलबे आदि के ऊपर बिठाए गए हैं

तीन फुट ऊंचा मंडप

आठ जगहों पर वादी ने देव विग्रह पायामुख्य गुंबद के नीचे दक्षिणी खंभे पर स्वास्तिक चिह्न मिलामुख्य गुंबद के प्रवेश द्वार से घुसते ही मस्जिद के इमाम के बैठने की जगह पर जो कलाकृति है वह मंदिरों में पायी जाने वाली कलाकृति जैसी हैयहीं त्रिशूल के खुदे हुए चिह्न हैंमुख्य गुंबद के दाहिने तरफ ताखा में त्रिशूल खुदा हुआ मिलामस्जिद के स्टोर रूम के बाहर की दीवार पर भी स्वास्तिक है.