पहले भी हुआ है ऐसा

वाराणसी नगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्रीनारायण खेमका इस ऑर्डर के चर्चा में आने के बाद से खासे नाराज नजर आए। कहा कि सपा गवर्नमेंट में कुछ साल पहले भी ऐसा हो चुका है। समझ नहीं आता कि इस तरह की सलाह देता कौन है। उस समय 7 बजे बाजार बंद कराने के नाम पर पुलिस ने अराजक माहौल बना दिया था। अपराध भी बढ़ गया था। जबकि पब्लिक भी परेशान था। भीषण गर्मी में जहां घर से निकल कर शॉपिंग करना मुश्किल था वहीं शाम में जब वह शॉपिंग के लिए निकलते, बाजार बंद होने लगते। व्यापारियों का जो नुकसान हुआ सो अलग। सरकार को अपने इस डिसीजन पर फिर से विचार करना चाहिए क्योंकि कम से कम व्यापारी तो ये ऑर्डर बिलकुल नहीं मानने वाले।

पहले बंद हो बरबादी

इस मुद्दे पर वाराणसी नगर उद्योग व्यापार मंडल के ही महामंत्री संजीव सिंह बिल्लू ने साफ कहा कि सरकार को पहले बिजली की बरबादी पर ध्यान देना चाहिए। आज हजारों ग्लोशाइन बोर्ड, होर्डिंग्स और प्रचार से जुड़े लाइटिंग वाली जगहों पर बेकार में बिजली खर्च की जा रही है। जबकि इस बिजली क्राइसिस में पहले इन्हें बंद किया जाना चाहिए। इन्हें सिर्फ इसलिए नहीं बंद किया जाता क्योंकि यहां से कमाई है। जबकि ये बाजार 7 बजे बंद करा कर व्यापारियों की कमाई ही खराब करना चाहते हैं। सरकारी प्रतिष्ठानों में भी बिजली की बचत के प्रावधान पहले होने चाहिए। प्रदेश में संकट है तो बिजली और खरीदी जानी चाहिए न कि रेवेन्यू लॉस करने के लिए बाजार बंद कराये जाने चाहिए। व्यापारी इस मामले में सरकार की नहीं सुनेंगे।