वाराणसी (ब्यूरो)सरकारी दस्तावेजों में बनारस स्मार्ट सिटी है, लेकिन 118 से अधिक सड़कें बदहाल हैंये हम नहीं पीएम के संसदीय कार्यालय की सर्वे रिपोर्ट कह रही हैकुछ हफ्तों पहले शहर की सड़कों को गड्ढामुक्त करने के अभियान में आशातित सफलता पर वाराणसी की टीम को बकायदा सम्मानित किया गया थाइसके बाद पीएम के संसदीय कार्यालय की टीम ने अपने स्तर से सर्वे कराया तो 118 की संख्या में सड़कें बदहाल और मानकविहीन मिलींइसकी जानकारी पब्लिक को मिलते ही बनारस का सोशल मीडिया प्लेटफार्म गरम हो गयालोगों ने अपने-अपने इलाके में सड़क और गलियों की बदहाली के बारे में खुलकर अपनी बात रखी.

गलियों की स्थिति काफी खराब

किशन लिखते हैैं कि उनके मोहल्ले में गलियों की स्थिति बदहाल हैमरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है और जल निकासी का खास प्रबंध नहीं किया गया हैजल निकासी का वैज्ञानिक प्रबंध नहीं होने से चौका-पत्थर बार-बार अपने स्थान से फिसलते रहते हैैंइन्हें तत्काल मरम्मत की आवश्यकता हैकृष्णा लिखते हैैं कि छित्तुपुर-घंटीमील रोड कई स्थानों पर जर्जर हैरात में इस सड़क पर सफर करना किसी खतरे से कम नहीं हैलंबे समय से उपेक्षित होने के बाद नवंबर के शुरुआत में बनी सड़क भी कई स्थानों पर मानकविहीन बनाया गयालिहाजा, कई स्थानों पर सड़कें टूट गई हैं और रात में छुट्टïा मवेशी भी विचरण करते रहते हैैं.

खुले सीवर खतरनाक

यूजर वसीम लिखते हैैं कि बजरडीहा में सड़कों पर सीवर के होल काफी खतरनाक स्थिति में हैैंदिन में लोगबाग जैसे-तैसे आवागमन कर लेते हैैंलेकिन, रात के समय में बाइक सवार गड्ढे में जाकर घायल भी हो जाते हैैंराजीव का कहना है कि सुंदरपुर और स्थानीय सब्जीमंडी की सड़क की हालत कई स्थानों पर खराब हैरोड साइड से कट रहे हैैंवहीं, कई स्थानों पर सीवर के ढक्कन उभरे हुए हैैंइस सड़क से तेज गति से गुजरना किसी खतरे से खाली नहीं है.

आवागमन में परेशानी

रामनगर के सोनू ने लिखा कि चांदपुरी कॉलोनी के पास उपेक्षा की शिकार सड़क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही हैसाथ ही साथ पास के ही एलबीएस हास्पिटल और पुराना रामनगर रोड को भी नए सिरे से डामरीकरण की आवश्यकता हैयूजर बबलू ने रोहनिया में मडौड़ी-चुरामनपुर की सड़क में गड्ढों से आवागमन में लोगों को आने वाली परेशानी के बारे में उल्लेख किया हैइस रोड से एंबुलेंस, स्कूल बस, पब्लिक समेत रोजाना लाखों की तादात में वाहन गुजरते हैैंलिहाजा, रोड की जल्द से जल्द मरम्मत की जाएताकि बनारस से जुड़े स्मार्ट सिटी का तमगा बरकरार रहे.