-लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा सोनी का कथक नृत्य, ब्रेक के दौरान गुरु से साझा की मन की बात

-दर्शकों के आगे आर्य महिला पीजी कॉलेज का ऑडिटोरियम पड़ रहा है छोटा

VARANASI

व‌र्ल्ड रिकॉर्ड की दहलीज पर पहुंच चुकी कथक नृत्यांगना सोनी चौरसिया क्ख्ब् घंटे क्भ् मिनट का लक्ष्य पूरा करने के बाद भी अपना कथक नृत्य जारी रख सकती हैं। ऐसा कहना है सोनी के गुरु राजेश डोंगरा का। मंगलवार को दोपहर में ब्रेक के दौरान जब राजेश ने सोनी से पूछा कि क्या इरादा है? सोनी का जवाब था कि जब तक म्यूजिक बजेगा तब तक नृत्य करती रहूंगी। क्ब् नवंबर से लगातार नृत्य कर रही सोनी चौरसिया को देखने के लिए काशी की आधी आबादी उमड़ पड़ी है। हर कोई सोनी के इस साहसिक कदम की सराहना करने के साथ-साथ लक्ष्य पूरा करने के लिए शुभकामनाएं भी दे रहा है। लगातार नृत्य करते हुए तीसरे दिन भी सोनी के चेहरे पर किसी भी तरह का कोई शिकन, तनाव व थकान का नामोनिशान नहीं था।

पं। छन्नू लाल मिश्र ने बढ़ाया हौसला

सोनी की हौसला आफजाई के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा है। मंगलवार को पं। छन्नू लाल मिश्र भी आर्य महिला पीजी कॉलेज के ऑडिटोरियम में सोनी का कथक नृत्य देखने पहुंचे। लगभग डेढ़ घंटे तक वह सोनी की हौसला आफजाई करते रहे। इस दौरान उन्होंने सोनी के परिजनों से मुलाकात भी की।

बच्चे दे रहे हैं शुभकामनाएं

सोनी के गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज कराने के लिए बच्चों से लेकर बड़े तक पोस्टर बैनर के जरिये शुभकामनाएं दे रहे हैं। ऑडिटोरियम में मौजूद स्केटिंग के बच्चे चार्ट पेपर पर शुभकामना लिखकर भगवान से प्रेयर भी कर रहे हैं ताकि सोनी रिकॉर्ड बनाने में कामयाब हो सके। वहीं फेसबुक-व्हाट्सऐप पर भी सोनी के लिए शुभकामना संदेश खूब वायरल हो रहे हैं।

सोनी को संसदीय कार्यालय ने नकारा था

लिम्का बुक में जगह बनाने के बाद सोनी ने गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने का संकल्प लिया तो उसकी राहों में बहुत रुकावटे आई। सबसे पहले उसने हरियाणा के विद्या देवी जिंदल की प्रबंध समिति से सहयोग मांगा, जहां वह डांस टीचर के रूप में कार्यरत थी। लेकिन वहां से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। काशी में जन्मी सोनी को लगा कि पीएम मोदी के संसदीय कार्यालय से जरूर सहायता मिलेगी लेकिन दो बार लेटर देने के बाद भी संसदीय कार्यालय से कोई रिस्पांस नहीं मिला। लेकिन आर्य महिला पीजी कॉलेज प्रबंध समिति ने सोनी की प्रतिभा को पहचाना था। सोनी के गुरु राजेश डोगरा की मानें तो पांच दिवसीय आयोजन का पूरा श्रेय आर्य महिला पीजी कॉलेज के प्रबंधक डॉ। शशिकांत दीक्षित, अध्यक्ष डॉ। चंद्रकांत मिश्र, प्रिंसिपल प्रो। रचना दूबे सहित सभी स्टाफ को जाता है।