-मंडलीय हॉस्पिटल के आई डिपार्टमेंट में चल रहा है खेल

-आई टेस्टिंग के दौरान मरीजों को बेच रहे हैं चश्मा

-मेडिकल स्टोर्स संचालक चला रहे हैं सिंडिकेट

VARANASI

गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स को सुधारने का शासन स्तर से लाख प्रयास किया जा रहा है लेकिन बदलाव की बयार हकीकत से कोसों दूर है। यहां हर ओर भ्रष्टाचार का चादर फैला हुआ है। पूर्वाचल-बिहार तक के पेशेंट्स से भरे रहने वाले एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल, कबीरचौरा में मरीजों को लूटने के लिए हर तरह का खेल चल रहा है। दलालों की सांठगांठ से चल रहे ओपीडी में अब दुकान भी खुल गई है। आई डिपार्टमेंट के ओपीडी में आई टेस्टिंग कराने के बाद मरीजों को चश्मा भी बेचा जा रहा है। बाकायदा बॉक्स रखकर चोरी छिपे चश्मे की सेल की जा रही है। हॉस्पिटल के बाहर खुले मेडिकल स्टोर्स के प्यादों का एक पैर हॉस्पिटल में तो दूसरा पैर मेडिकल स्टोर पर रहता है।

अधिकारी बने हैं अंजान

हॉस्पिटल के नेत्र विभाग के ओपीडी में डॉक्टर्स चेकअप करने के बाद तुरंत आई टेस्टिंग का फरमान जारी कर देते हैं, जब आंख चेक कराने मरीज पहुंचता है तो आई टेस्टिंग करने वाले मरीज को अपना चश्मा लेने के लिए दबाव बनाने लगते हैं, उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन देकर चश्मे का फ्रेम आदि बेच रहे हैं। ऐसा नहीं है कि हॉस्पिटल के आलाधिकारियों को इसकी भनक नहीं है लेकिन अंजान बने हुए हैं।

वॉर्ड में पहुंच कर रहे ब्लड टेस्ट

यही नहीं ओपीडी के बाहर मरीजों को दवाओं के लिए कनवींस करने वाले दलालों का झुंड अब वॉर्डो में मरीजों का ब्लड टेस्ट भी कर रहा है। तुरंत रिपोर्ट देने का वादा कर मरीजों को छला जा रहा है। इसकी इंफॉर्मेशन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन को भी है, उनके पास कई कम्प्लेन पहुंचे हैं लेकिन कार्रवाई करने में अक्षम्य साबित हो रहे हैं।

एक नजर

-डेली एक हजार मरीज ओपीडी के लिए कराते हैं रजिस्ट्रेशन।

-पूर्वाचल सहित बिहार से आते हैं यहां पेशेंट्स।

-यहां फ्री में होती है हर प्रकार की जांच, मिलती हैं फ्री में दवाएं।

जब से चार्ज लिया हूं तब से ऐसी कोई भी कम्प्लेन मुझे नहीं मिली है। चेकिंग के दौरान ऐसी कोई शिकायत भी नहीं मिली है। फिर भी यदि ऐसा हो रहा है तो बहुत गलत है। ओपीडी में कुछ भी बेचना प्रतिबंधित है। इसकी जांच कराएंगे।

डॉ। अरविंद सिंह, एमएस

मंडलीय हॉस्पिटल, कबीरचौरा