क्रिकेट के मैदान पर दिग्गज बैट्समेन के होश फाख्ता कर देने वाला बॉलर कामरान खान आज गुमनाम हो गया है। वह भी तब जब आईपीएल सीजन 5 का रोमांच चरम पर है। लेफ्ट आर्म मीडियम पेस बॉलिंग करने वाला कामरान खान कोई साधारण खिलाड़ी नहीं है। उसमें वह आग है जिसकी तपिश से बड़ा से बड़ा बैट्समैन भी नहीं बच पाता है। राजस्थान रॉयल्स ने उसकी प्रतिभा को समझा और अपनी टीम में मौका दिया। आईपीएल सीजन 2 से राजस्थान रॉयल्स के साथ उसका कॅरियर शुरू हुआ। पूरे सीजन खेला और बेहतरीन परफॉरमेंस दिया। सीजन 3 में भी वह इसी टीम की ओर से सारे मैच खेला और कप्तान समेत टीम मैनेजमेंट की अपेक्षाओं पर खरा उतरा। सीजन 4 में पुणे वारियर्स ने उसे मौका दिया। इस साल उसे महज एक मैच ही मिल सका। मैच नहीं मिलने से उसे अपनी प्रतिभा दिखाने का चांस नहीं मिल सका। सीजन 5 में टीम ने पूरी तरह से इग्नोर कर दिया।

शेन वॉर्न का चहेता कामरान

टैलेंटेड कामरान ने दुनियाभर के क्रिकेट खिलाडिय़ों का दिल तो जीत लिया लेकिन अपने घर खिलाडिय़ों की नजर में जगह नहीं बना पाया। राजस्थान रॉयल्स से जुडऩे के बाद से कप्तान शेन वार्न का तो वह चहेता बन गया। वजह उसका शानदार खेल था। शेन जानते थे कि इस बॉलर के आगे दुनिया का कोई बैट्समैन नहीं टिक सकेगा। उसने कामरान को टॉरनेडो नाम दिया। इस दौरान कामरान पर चकिंग का आरोप लगा। इसे दूर करने के लिए शेन वार्न कामरान को आस्टे्रलिया ले गये। यहां एक्सपर्टस के बॉलिंग एक्शन की जांच के बाद उसे क्लीन चिट मिल गया। शेन ही नहीं महेला जयवर्धने, क्रिस गेल, केविन पिटरसन, डेनियल स्टेम समेत तमाम विदेशी खिलाड़ी कामरान से विशेष लगाव रखते हैं।

फर्श से अर्श तक

कामरान को दुनिया की ऊंचाई किसी की मेहरबानी नहीं है। दिन रात की मेहनत ने उसे फर्श से अर्श तक पहुंचाया है। अपनी नजरअंदाजी के बावजूद वह आज भी उतनी ही मेहनत कर रहा जितना शुरुआती दिनों में करता था। शुरुआती दिनों कामरान कैनवास बाल खेलता था। इसकी रफ्तार काफी तेज थी। बैटिंग भी अच्छी थी। गली-मोहल्ले की हर टीम उसे अपने साथ रखना चाहता थी। अपने खेल को बेस्ट ऑफ द बेस्ट बनाने के लिए लम्बे अरसे तक पसीना बहाता रहा। गांव के बच्चों को जुटाकर घर के पास एक मैदान तैयार किया। घंटों यहां बॉलिंग प्रैक्टिस करता। इसके अलावा मऊ स्थित स्टेडियम में भी मेहनत करता था। दिन ब दिन उसका खेल निखरता गया। इसी बीच उसने क्रिकेट के आसमान पर चमक बिखेरने की ठान ली।

पकड़ ली मुम्बई की राह

आजमगढ़ के नेशनल इंटर कालेज से इंटर पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और मुम्बई चला गया। एक कमरा किराये पर लिया। खुद खाना बनाता-खाता और अधिक से अधिक समय तक पुलिस लाइन और इस्लाम जिमखाना ग्र्राउंड पर दिन रात प्रैक्टिस करता था। लगभग एक साल बाद उसे पुलिस क्लब से खेलने का मौका मिल गया। इस मौके ने ही उसकी किस्मत का चौका लगा दिया। उसी दौरान टीम ने एक प्रेसटीजियस मैच खेला। यहां कामरान ने चार विकेट लिये। राजस्थान रॉयल से जुड़े जुबीर भरूचा और मोंटी देसाई भी मैच देख रहे थे। उन दोनों ने ही टीम में जगह दिलायी।

यॉर्कर को बनाया हथियार

कामरान की बॉलिंग के सीक्रेट्स वेपन यॉर्कर और स्लोवर है। इसकी प्रैक्टिस खूब करते हैं। मलिंगा और वसीम अकरम दोनों यार्कर के लिए जाने जाते हैं। कामरान ने इनसे काफी सीखा है। आने वाले समय में वह रणजी टीम में भी खेलना चाहता है।

बुलंद है हौसला

कामरान दिन रात मेहनत कर रहा है। मुम्बई के क्रिकेट ग्र्राउंड उसके मेहनत का गवाह बन रहे हैं। सुबह चार घंटे और शाम को तीन घंटे जमकर पसीना बहा रहा है। उसकी एवरेज बॉलिंग स्पीड 140 किलोमीटर प्रतिघंटे है। उसका कॅरियर शुरू करने वाले जुबीर भरूचा और मोंटी देसाई उसे कोच कर रहे हैं। कामरान का कहना है कि कोच की देखरेख में हर दिन उसकी बॉलिंग निखर रही है। इसके साथ वह दुनिया के दिग्गज गेंदबाजों से भी टिप्स लेता रहता है। श्रीलंका के पेसर लसिथ मलिंगा कामरान के रोल मॉडल हैं। वह उनकी तरह ही बॉलिंग करना चाहते हैं। इसके लिए कामरान मलिंगा से बॉलिंग टिप्स लेते रहते हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के धुरंधर गेदबाज रहे वसीम अकरम से गेंदबाजी के गुर सीखते रहते हैं।

हर कदम पर फैमिली साथ

कामरान सात भाइयों और दो बहनों में सबसे छोटा है। पिता ड्राइवर थे। मां हाउस वाइफ। वह सबका लाडला है। मां के तो जिगर का टुकड़ा था। जब तक मां जिंदा रहीं तब तक कामरान घर पर ही रहा। उनकी मौत के बाद ही 15 साल की उम्र में उसने मुम्बई की ओर रुख किया। दुनिया बड़ी और कामरान छोटा था। उसकी फैमिली हर साथ हर कदम पर थी। उसने मुम्बई में रुकने-खाने का इंतजाम किया। कुछ दिनों तक मौका नहीं मिला तो उसने छोटा-मोटा काम करने के लिए गल्फ जाना तय किया। उसने पासपोर्ट भी बनवा लिया लेकिन फैमिली लगातार उसका हौसला बढ़ाती रही। एक बार किस्मत ने उसका साथ दिया तो हर दिन वह सफलता की सीढिय़ां चढ़ता गया। कामरान भूला नहीं जब आईपीएल सेलेक्शन के बाद पहली बार आजमगढ़ आया तो बड़े भाई शमशाद के साथ 500 लोगों की भीड़ उसे रिसीव करने पहुंची थी। आज जब उसे नजरअंदाज किया जा रहा है तब भी पूरी फैमिली उसके साथ है। बड़े भाई शमशाद कहते हैं कि भाई जल्द ही इंडियन टीम में नजर आएगा। इसके लिए इसे जैसी जरूरत होगी पूरी फैमिली उसके साथ होगी।

कुछ अनछुए पहलू भी हैं

कामरान की जिंदगी का कुछ हिस्सा अभी दुनिया के सामने आना बाकी है। कम लोगों को ही पता होगा कि उसने निकाह कर लिया है। वह भी उसके साथ जो उसके बचपन का प्यार है। हालांकि कामरान इस विषय पर बात करने से थोड़ा बचता है। काफी दबाव देने पर शर्माता है और प्यार की दास्तान सुनाता है। यह भी उसके खेल से जुड़ी है। कामरान घर के पास एक मैदान में प्रैक्टिस करता था। यहीं पर रहती थी उसके साथ नेशनल इंटर कालेज में पढऩे वाली उसकी क्लास मेट। स्कूल के बाद प्रैक्टिस के दौरान भी वह सामने होती है। लड़की कामरान के खेल पर फिदा थी तो कामरान उसकी अदाओं पर। धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदलने लगी और अब दोनों जीवन साथी हैं। हालांकि इस निकाह की अभी सार्वजनिक तौर पर घोषणा होनी बाकी है।

Report by: Devendra Singh