-नगर आयुक्त ने बीएचयू, काशी विद्यापीठ और संस्कृत युनिवर्सिटी के वीसी मांगी मदद

-स्मार्ट सिटी की दौड़ में स्टूडेंट्स कर सकते हैं महत्वपूर्ण सहयोग

VARANASI

बनारस को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अगर युनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का साथ मिल जाए तो बात बन जाएगी। मदद की आस में नगर आयुक्त श्रीहरि प्रताप शाही ने बीएचयू, काशी विद्यापीठ और संस्कृत युनिवर्सिटी के वीसी से बात की है। उन्होंने बताया कि बनारस के लिए बड़ी बात है कि यहां पर कई विश्वविद्यालय हैं। यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का अनुभव और ज्ञान हमारे साथ जुड़े तो इस शहर को स्मार्ट बनाने में काफी मदद मिलेगी। युनिवर्सिटीज में इतिहास, भूगोल, आईआईटी सहित टेक्निकल स्टूडेंट्स की कमी नहीं है। इनमें से कई बनारस शहर पर रिसर्च भी कर रहे हैं। इनके रिसर्च की स्मार्ट सिटी डेवलेपमेंट में काफी उपयोगिता होगी।

स्टाफ की कमी से जूझ रहा निगम

नगर निगम के पास स्टाफ की कमी है। टेक्निकल स्टाफ गिने चुने हैं। नए प्रोजेक्ट पर काम करने वालों की खासी कमी है। इसके चलते स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम करने वालों की कमी सामने आ रही है। अगर युनिवर्सिटी में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स और टीचर्स सुझाव दें तो स्मार्ट सिटी के डेवलेपमेंट में तेजी आयेगी। आईआईटी बीएचयू में सिविल, टेक्निकल, केमिकल सभी सब्जेक्ट के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स पढ़ते है। इनके स्किल को स्मार्ट सिटी के अलग-अलग प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किया जाएगा तो बहुत सारी संभावनाएं मिल सकती हैं। वेस्ट मैनेजमेंट के नए प्रोजेक्ट, सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, इलेक्ट्रिसिटी को अपग्रेड करने और इनके लिए नए तरह की तकनीक डेवलप करने में मदद कर सकते है।