-एक अप्रैल से शुरू हो रहा परिषदीय स्कूल्स में नामांकन, जुलाई बाद बच्चों को मिलेगी नि:शुल्क किताबें

-तीन मंथ तक पुरानी किताबों से बच्चे करेंगे शिक्षा ग्रहण

VARANASI

परिषदीय स्कूल्स में एनुअल एग्जाम समाप्त हो चुके हैं। फ्0 मार्च को रिजल्ट भी डिक्लेयर कर दिया जाएगा और एक अप्रैल से न्यू सेशन स्टार्ट हो जाएगा लेकिन किताबों के लिए बच्चों को कम से कम तीन मंथ तक इंतजार करना पड़ेगा। यानि कि तीन मंथ तक बच्चे पुरानी किताबों से ही शिक्षा ग्रहण करेंगे। कुछ बच्चे तो अभी से अपने सीनियर क्लास के बच्चों से पुरानी किताबें जुटाने में लग गये हैं। शासन की ओर से भी नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें व यूनिफॉर्म वितरण को लेकर अब तक कोई गाइडलाइन नहीं जारी की गई है। लोकल स्तर पर भी आलाधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।

पुराने यूनिफॉर्म में पहुंचेंगे बच्चे

सीबीएसई से अपनी तुलना कर रहे परिषदीय स्कूल्स की हालत यह है कि बच्चों को नि:शुल्क किताबें सेशन शुरू होने के करीब तीन माह बाद मिलती हैं। किताबों के अभाव में पठन-पाठन प्रभावित होना तय है। यहीं हाल नि:शुल्क यूनिफॉर्म का है। आधा सेशन निकल जाने के बाद बच्चों को यूनिफार्म अवेलेबल कराया जाता है। पेरेंट्स का कहना है कि न्यू सेशन शुरू होने के पहले बच्चों को यदि फ्0 मार्च तक किताबें उपलब्ध करा दी जाएं तो स्कूल्स में समय से पढ़ाई भी शुरू हो जाती।

घटती जा रही छात्रों की संख्या

शिक्षा के अधिकार के तहत परिषदीय स्कूल्स में छह से क्ब् वर्ष के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था है। साथ ही बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, नि:शुल्क यूनिफॉर्म, दोपहर का भोजन सहित अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं। इसके बावजूद सूबे के परिषदीय स्कूल्स में छात्रों की संख्या घटती जा रही हैं। इसे देखते हुए प्रत्येक वर्ष 'स्कूल चलो अभियान' चलाया जाता है।

डोर-टू-डोर जाएंगे टीचर

परिषदीय स्कूल्स में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए इस बार तहसील, ब्लॉक स्तर, वॉर्ड, स्कूल स्तर पर रैली, मेला, प्रभातफेरी व कल्चर प्रोग्राम भी आयोजित किए जाएंगे। इतना ही नहीं टीचर्स घर-घर भी पहुंचकर अभियान के बाबत जानकारी देंगे। हालांकि यह अभियान हर साल चलाया जाता । इसके बाद भी अव्यवस्थाओं के चलते परिषदीय स्कूल्स में छात्रों की संख्या में वृद्धि नहीं हो पा रही है।

नि:शुल्क किताबों के लिए अभी कोई गाइड लाइन नहीं जारी की गई है। फिलहाल फ्0 मार्च से सर्व शिक्षा अभियान चलाया जाएगा।

रामचंद्र सिंह यादव

बीएसए