वाराणसी (ब्यूरो)मकर संक्रांति पर चाइनीज मंझे से पतंग न उड़ाएइससे न सिर्फ हादसे हो रहे है बल्कि कई लोगों की जान चली जा रही हैप्रतिबंधित चाइनीज मंझे के प्रति अवेयर करने के लिए सुबह--बनारस क्लब के मेंबर्स ने स्टूडेंटस संग कैंपन चलाया और चाइनीज मांझे का यूज न करने के लिए संकल्प भी दिलाया

प्रतिबंधित है मांझा

प्रतिबंधित चाइनीज मंझा मार्केट में खुले आम बिक रहा हैइसकी इन्फार्मेशन अफसरों को है इसके बाद भी इस पर रोक नहीं लगाया जा रहा हैइसके चलते लोगों की जान जा रही हैधड़ल्ले से बिक रहे प्रतिबंधित मांझा का खतरा इंसानों के साथ बेजुबान पशु-पक्षियों के ऊपर साल के 12 महीनों मंडराता रहता हैकई घटनाएं हो चुकी है.

सभी ने लिया संकल्प

चाइनीज मंझे के प्रति जागरूक करने के सभी स्टूटेंडस ने लिया संकल्पअपने आसपास के लोगों को इसके प्रति करेंगी अवेयरकैंपेन में सुबह--बनारस क्लब के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल, लक्ष्मी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ अशोक कुमार राय, कालेज की प्रधानाचार्या डामुक्ता पांडे, महासचिव राजन सोनी, उपाध्यक्ष अनिल केसरी मौजूद थे.

सर्किट हाउस कर्मी का गला कटा

चाइनीज मंझे से सर्किट हाउस के स्टाफ का गला कट जाने से एक बार फिर लोग सहम गएथोड़ी सी चूक होती तो उसकी भी जान जा सकती थीवाकया उस समय हुआ जब सर्किट हाउस कर्मचारी शेष नारायण दुबे गिलट बाजार, शिवपुर से अपने बाइक से सर्किट हाउस की ओर जा रहे थेअचानक चाइनीज़ मंझा उनके गले में आकर फंस गयावह जख्मी होकर सड़क पर गिर पड़े औ कर छटपटाने लगेउस समय वहां से जा रहे जा रही कार के बोनट में फंसकर चाइनीज मांझा टूट गयामांझा टूट जाने से शेष नारायण दूबे की जान बच गयी लेकिन गंभीर रूप से इंजर्ड हो गएइसके बाद वह पास के क्लिनिक में जाकर इलाज करायाशेष नारायण दुबे सर्किट हाउस में इलेक्ट्रिशियन हेल्पर के पद पर कार्यरत हैसर्किट हाउस कर्मचारी आवास में ही रहते है

41.5 किलो चाइनीज मांझा के साथ दो अरेस्ट

सिगरा पुलिस ने मंगलवार की रात लहंगपुरा स्थित पतंग की दुकान पर छापेमारी कर साढ़े 41 किलो प्रतिबंधित मंझा बरामद कियाइस संबंध में औरंगाबाद निवासी दुकानदार निखिल यादव व उसके कर्मचारी छित्तूपुर चंदुआ निवासी सोनू को गिरफ्तार कियायह कार्रवाई धारा 188, 269, 270, 291, 336 5/15 पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत की गईदोनों आरोपितों को सिगरा थाने से ही जमानत दे दी गईकारण बताया गया कि सभी धाराएं जमानती हैंसजा भी सात साल से कम हैथाना प्रभारी राजू ङ्क्षसह ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ में पता चला कि प्रतिबंधित मंझे की खरीद-बिक्री बड़े ही गोपनीय तरीके से होती हैखरीद-बिक्री के लिए अपने ठिकाने पर न बुलाकर किसी अन्य स्थान पर लेनदेन होता हैयह स्थान बदलता रहता हैसिगरा इंस्पेक्टर राजू ङ्क्षसह के अनुसार प्रतिबंधित मांझा कपड़े और जूट की बड़ी-बड़ी कंपनियों में उपयोग में लिए जाते हैंउनकी लटाई पर नाट सेल फार काइट लिखा हैफिर भी दुकानदार मुनाफे के लालच में चोरी छिपे बेचते हैंबताया कि दुकानदारों को कुछ अज्ञात व्यक्ति माल की आपूर्ति करते हैंइसके लिए उन्हें दुकानदार एडवांस पैसा चुकाते हैंउन आपूर्ति करने वालों की पड़ताल कराई जा रही है.