वाराणसी (ब्यूरो)। देश की सांस्कृति एवं धार्मिक राजधानी बनारस में धर्म-कर्म के साथ जमकर सियासत भी हो रही है। गुरुवार को नामांकन प्रक्रिया खत्म होते ही शुक्रवार सुबह 11 बजे से 145 प्रत्याशियों की ओर से दाखिल परचा की स्क्रूटनिंग शुरू हुई। एक-एक कर नामांकन खारिज होने वाले प्रत्याशी का नाम सामने आ रहा था। उसी तरह कचहरी के बाहर माहौल गर्म हो रहा था। एक प्रत्याशी तो एडिशनल सीपी की गाड़ी के आगे लेट गया। काफी देर तक वह हंगामा करता रहा, जिसे पुलिस कैंट थाने ले गई। इसके अलावा भी पर्चा खारिज होने पर कई प्रत्याशियों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये। हालांकि भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी के कारण कोई बड़ा बवाल नहीं हुआ। शाम करीब पांच बजे तक निर्वाचन आयोग ने 69 प्रत्याशियों के पर्चे खारिज कर दिए। इसकी जानकारी होते बनारस की सियासत गर्म हो गयी है।
145 उम्मीदवारों ने किया था नामांकन
कलक्ट्रेट में शुक्रवार देर शाम तक नामांकन पत्रों की जांच चलती रही। इस दौरान सुबह 11 बजे तक तमाम प्रत्याशी अपने कागजों को दुरुस्त करवाने पहुंचे। इसके बाद आए प्रत्याशियों को भीतर नहीं जाने दिया गया। जनपद के आठ विधानसभा क्षेत्रों में कुल 145 दलीय और निर्दलीय उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। शुक्रवार को जांच के बाद 69 उम्मीदवारों के पर्चे खारिज कर दिए गए। 76 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र वैध पाए गए।
एडिशनल सीपी की गाड़ी के सामने लेटे संतोष
शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे पर्चा खारिज होने पर शिवपुर से निर्दलीय प्रत्याशी संतोष सिंह उर्फ मूरत का धैर्य जवाब दे गया। उन्होंने कलक्ट्रेट मुख्य द्वार से गुजर रहे एडीएम (सिटी) गुलाब चन्द्र से गुहार लगाई। वे गले में 'मैं जिंदा हूंÓ की तख्ती लटकाए हुए थे। इसके बाद वहां से गुजर रही एडिशनल सीपी की गाड़ी के सामने लेट गए। उन्होंने प्रशासन पर जानबूझकर पर्चा खारिज करवाने का आरोप लगाया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने संतोष को हिरासत में ले लिया और कैंट थाने ले आए।
मायूस होकर निकले बाहर
जिन उम्मीदवारों का नामांकन पत्र खारिज हो गया था। वे मायूस होकर बाहर निकले। इनमें से अधिकतर प्रत्याशियों ने जानबूझकर पर्चा खारिज करवाने का आरोप लगाया। पिंडरा विधानसभा से जन अधिकार पार्टी के संतोष मौर्य ने जिला प्रशासन पर सत्ता पक्ष के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।
आरओ कक्षों में मौजूद रहे ऑब्जर्वर
निर्वाचन आयोग की ओर से तैनात किए गए प्रेक्षकों की मौजूदगी में नामांकन पत्रों की जांच हुई। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि निर्वाचन नियमों के अनुसार यदि किसी प्रत्याशी के एफिडेविट में कोई गलती हो तो वह स्क्रूटनिंग चालू होने से पहलेतक नया भरा हुआ एफिडेविट दे सकता है। एक बार पहले प्रत्याशी की स्क्रूटनिंग शुरू हो गई तो उसके बाद नहीं दे सकता। जांच के लिए सुबह 11 बजे का समय निर्धारित किया गया था।
अफसरों ने जानी इंतजाम की हकीकत
नामांकन पत्रों की जांच के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा और अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) सुभाष चन्द्र दुबे ने कलक्ट्रेट परिसर और मुख्य द्वार के बाहर किए गए सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया.