-अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस की ओर से आयोजित समर कैम्प का समापन

-किसी ने सीखा डांस तो किसी ने एंकरिंग तो किसी ने पेंटिंग, मिला सभी को सर्टिफिकेट

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कहते हैं कि सीखने का कोई वक्त या उम्र नहीं होती। जब दिल करें, नई कला सीखी जा सकती है। इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण देखने को मिला अस्सी घाट। जहां सुबह-ए-बनारस की ओर से आयोजित समर ट्रेनिंग कैम्प में मां-बेटा, बाप-बेटी, पति-पत्नी, दादी-पोती एक साथ हिस्सा लिया और अपने जिंदगी में एक नई कला सीखी। कैम्प में पेंटिंग, डांस, ज्वेलरी मेकिंग, एंकरिंग, संगीत आदि की ट्रेनिंग दी गई। मंगलवार को कैम्प के समापन अवसर पर जहां सभी पार्टिसिपेंट्स ने अपनी इस नई कला का नमूना दिखाया, वहीं संस्था की ओर से उन्हें सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।

प्रदर्शनी में दिखाया हुनर

अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस की ओर से पिछले एक माह से आयोजित समर ट्रेनिंग कैम्प का समापन समारोह आयोजित किया गया। समारोह में स्पेशल गेस्ट पद्मश्री डॉ। सरोज चूड़ामणि, अन्नपूर्णा शुक्ल, काशी विद्यापीठ के वीसी प्रो। नाग, वेद प्रकाश मिश्र ने चित्रकला, क्राफ्ट, हस्त निर्मित आभूषण की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और सभी पार्टिसिपेंट्स की जमकर प्रशंसा की। इसके बाद पंच तत्व पर आधारित एक नाटिका का मंचन किया गया। फिर ताइक्वांडो का भी प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर संयोजक अंकिता खत्री, डॉ। रत्नेश वर्मा, प्रमोद मिश्र, मंजू मिश्र आदि मौजूद रहे।