वाराणसी (ब्यूरो)। रविवार को यूपी एटीएस ने बनारस के मंडुवाडीह थाना क्षेत्र से लहरतारा बौलिया निवासी माइकल सिंह यादव उर्फ मोंटी को गिरफ्तार किया है। मोंटी नकली नोटों का व्यापार करने वाले गिरोह का हिस्सेदार है। जो लोगों को असली नोटों के बदले में चार गुना नकली नोट देने का लालच देकर ठगी करता है।

अंडरवल्र्ड के नाम पर देते थे धमकी
लोगों को ठगने के बाद जब यह गिरोह पूरा पैसा सप्लाई नहीं कर पाता था और लोग अपना पैसा वापस करने के लिए दबाव बनाते थे। तब यह गिरोह उनका मुंह यह कहकर बंद करा देता था कि उनके संबंध अंडरवल्र्ड से हैं। इस संबंध में एटीएस ने राजधानी लखनऊ के गोमती नगर थाने में मुदकमा दर्ज कराया था।

ऐसे बना नकली नोट सप्लाई का धंधा
जानकारी के अनुसार मोंटी इस गिरोह से वर्ष 2019 में मुंबई में जुड़ा था। वह जब मुंबई गया हुआ था तब ठाणे के एक जिम में उसकी मुलाकात सचिन से हुई थी। उसने मोंटी को बताया कि वह ब्याज पर पैसे देने का काम करता है। इसके अलावा वह पैसे दोगुना, चार करने का भी एक काम करता है। उसी समय सचिन ने मोंटी को यह काम शुरू करने का ऑफर दिया। सचिन ने मोंटी की मुलाकात कानपुर निवासी अविनेन्द्र मिश्रा से कराई। इसके बाद उसने मोंटी को जौनपुर के हरिओम उर्फ साइंटिस्ट से मिलाया। इसके बाद एक दिन सभी एकजुट हुए और एक साथ बैठकर मीटिंग की। मीटिंग में नकली नोटों का धंधा चमकाने के प्लान बना। उसके बाद सभी अपने अपने काम में जुट गए।

पहली डील का पैसा किया था वापस
इनकी पहली मीटिंग जुलाई 2020 में वाराणसी के पिंडरा निवासी व्यापारी प्रताप सोनकर से हुई। मीटिंग में 1 करोड़ के बदले 4 करोड़ के जाली नोट देने का सौदा तय हुआ। जिसके लिए गिरोह ने व्यापारी से 3 लाख की टोकन मनी ली। लेकिन कुछ समय बाद प्रताप अपना पैसा वापस मांगने लगा। जिस पर करीब 2 महीने बाद उसका पैसा वापस कर दिया।

80 लाख की हुई डील
दिसंबर 2020 में इनकी मीटिंग एक प्रोफेसर से हुई। यह मीटिंग प्रयागराज के सोरांव निवासी अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ लकी ने फिक्स कराई। ठगों ने 5 लाख रुपए टोकन मनी के रूप में लिया। इसमें मोंटी को 30 हजार रुपए की हिस्सेदारी मिली। इसके बाद जनवरी 2021 में इन लोगों ने प्रोफेसर से 80 लाख रुपए चार गुना करने के लिए लखनऊ के एक होटल में बैठक के बाद लिया। जिसमें मोंटी को हिस्सेदारी के रूप में 14 लाख मिला।

नहीं पूरी हो पाई डील
एक के बाद एक मीटिंग होने से इनका मनोबल बढ़ता गया और अगली मीटिंग फरवरी 2021 में की। यह मीटिंग प्रयागराज के ईंट-भ_ा कारोबारी मनोज सिंह के साथ थी। मनोज से एक करोड़ को चार गुना करने की बात तय हुई थी। जिस पर उन्होंने टोकन मनी के रूप में 5 लाख रुपए लिए। टोकन मनी से मोंटी को 40 हजार मिले थे। लेकिन ठग नकली नोटों में महज 35-40 लाख से ज्यादा नहीं दे पा रहे थे इसलिए डील पूरी नहीं हो सकी।

दिल्ली में 30 लाख की लूट
गिरोह के सदस्य दीपक उर्फ दीपू ने जयपुर के जयंत सिंह उर्फ बन्ने से दिल्ली में एक मीटिंग कर 6 लाख रुपए लिया। इसके बाद 19 अक्टूबर 2021 को जयंत दिल्ली में ही धन चार गुना करने के लिए 30 लाख रुपए लेकर आया था, जिसे लूट लिया गया। इसमें मोंटी के साथ दीपक उर्फ दीपू, संजीव, रोहित चौरसिया, सचिन, अविनेन्द्र मिश्रा, हरिओम, सौरभ यादव और विमल उर्फ विधायक शामिल थे।

नोएडा में 90 लाख की लूट

असली और नकली के खेल में माहिर हो चुके गिरोह ने अपना अगला शिकार प्रयागराज के एक व्यक्ति को बनाया। प्रयागराज के सोरांव निवासी राजकुमार पटेल असली के बदले चार गुना नकली नोट लेने के जाल में फंस गया। उसने टोकन मनी के रूप में 5 लाख रुपए दे दिए। तय बातचीत के अनुसार राजकुमार 90 लाख रुपए लेकर नोएडा पहुंचा। जहां ठगों ने उसे लूट लिया। इसमें मोंटी भी शामिल था।

एटीएस ने किया गिरफ्तार

बीती 29 अक्टूबर को एटीएस ने प्रतापगढ़ निवासी अभिषेक प्रताप सिंह और मुंबई के नालासोपारा निवासी सौरभ फूलचंद यादव को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से 44 लाख 77 हजार 500 रुपए बरामद हुए थे। पकड़े गए बदमाशों से पूछताछ में मोंटी का नाम सामने आया था। जिसे एटीएस ने रविवार को बनारस से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि वह लोग अच्छी गुणवत्ता का जाली भारतीय नोट देने का लालच देते थे। इसके साथ ही पैसा चार गुना हो जाने का झांसा देते थे। इतना ही अन्य पैसे को चार गुना करने की अन्य स्कीमें भी बताते थे। टोकन मनी के रूप लाखों रुपए की ठगी कर लेते थे।

लालच में ठग गए लाखों रुपए
- नासिक के सनातन आश्रम के स्वामी विश्वस्वरूपानंद ने 5 लाख रुपए टोकन मनी दी।
- अगस्त 2021 में मुंबई के मुब्रा देवी क्षेत्र के राहुल उर्फ गाडा ने टोकन मनी के रूप में 5 लाख दिए।
- दिल्ली के संजीव और एक डॉक्टर से 3 लाख रुपए टोकन मनी के रूप में लिए।