-बिजली चोर व बकाएदारों से निपटने की सरकार ने की तैयारी

-यूपीपीसीएल के इंजीनियर्स ने तैयार की डिवाइस, बिजली के खंभे पर होगी इंस्टॉल

ajay.gupta@inext.co.in

अगर आप बिजली का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं और बकाया बिल भी नहीं जमा नहीं करते हैं तो आपकी ये मनमानी अब भारी पड़ने वाली है। ऐसे लोगों से निपटने के लिए यूपी पावर कारपोरेशन ने स्मार्ट प्लान निकाल लिया है, जिससे बिल मिलने के बाद इसे न जमा करने पर बिजली विभाग में बैठे अफसर एक एसएमएस भेजकर मीटर बंद कर देंगे। बिल जमा होने के बाद उपभोक्ता की बिजली एसएमएस से चालू भी कर दी जाएगी। एसएमएस से बिजली काटने और बिजली जोड़ने का यह अधिकार चुनिंदा अधिकारियों के पास होगा।

पोल पर लगाई जाएगी डिवाइस

यूपीपीसीएल के इंजीनियर्स ने एक डिवाइस तैयार की है। यह डिवाइस बिजली के खंभे में लगाई जाएगी। इसमें एक सर्किट लगाया गया है जिसमें मोबाइल का सिम लगाया जाएगा। यह डिवाइस बिजली के पोल से हर कनेक्शन पर नजर रखेगी। जिसका भी बिल जमा नहीं होगा उसके बिजली की सप्लाई बंद हो जाएगी। इस स्मार्ट प्लान का खामियाजा सबसे ज्यादा उन उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा जो बिजली चोरी या बिल न जमा करने की नियत से बिजली का उपयोग कर रहे हैं।

अभी तक क्या है तरीका

अभी तक बिजली काटने का तरीका काफी कठिन है। लाइन काटने से पहले अधिकारी रिकार्ड खोजते हैं कि किसका बिल जमा नहीं है। बाद में उस घर पर जाकर बिजली का कनेक्शन काटा जाता है। कई बार कनेक्शन काटने के दौरान लोग झगड़ा करने लगते हैं।

जोड़ने पर लगेगा जुर्माना

कई बार ऐसा होता है कि अधिकारियों द्वारा कनेक्शन कट करने के बाद लोकल लाइन मैन दोबारा से कनेक्शन जोड़ देते हैं। लेकिन इस डिवाइस के लगने के बाद यह कदम उठाना उपभोक्ता व लाइनमैन दोनों को भारी पड़ेगा। अगर कनेक्शन को दोबारा जोड़ा गया तो इसकी जानकारी विभाग तक तुरंत पहुंच जाएगी। जिस पर 600 रुपए का जुर्माना लगेगा। दोबारा ऐसा करने पर जुर्माने की राशि डबल हो जाएगी।

कितनी आएगी लागत

अधिकारियों की मानें तो अनुमान के मुताबिक इस डिवाइस की लागत करीब 8500 रुपए है। एक बिजली के पोल पर अगर 10 कनेक्शन हैं तो प्रति उपभोक्ता लागत 850 रुपए रह जाएगी। अभी औसतन एक बिजली का कनेक्शन काटने में करीब 400 रुपए की लागत आती है, अगर इस डिवाइस का दो बार भी इस्तेमाल किया गया तो इसकी लागत निकल जाएगी। इस डिवाइस की लाइफ करीब 5 साल है।

और कहां हो सकता है इस्तेमाल

अधिकारियों की मानें तो इस डिवाइस का इस्तेमाल स्ट्रीट लाइट के जलाने और बंद करने में हो सकता है। अभी यह सिस्टम मैनुअल ही है। लेकिन इस डिवाइस से इसे मेंटेन किया जा सकता है। इससे बिजली की बर्बादी भी रुकेगी। इसके अलावा यह डिवाइस उन जगहों पर भी इस्तेमाल हो सकती है जहां समय के हिसाब से बिजली की आपूर्ति की जरूरत हो।

फैक्ट फाइल

-निर्धारित समय में बिजली का बिल नहीं जमा हुआ तो मीटर सर्वर को सूचना भेज देगा।

-अफसर ऑफिस से ही कनेक्शन काट देंगे।

-मीटर में यदि किसी ने छेड़छाड़ की कोशिश की तो इसकी सूचना सर्वर के माध्यम से अफसरों को मिल जाएगी।

-ऐसे मामलों में बिजली चोरी की एफआइआर भी कराई जा सकती है।

-स्मार्ट मीटर के साथ डिजिटल व सामान्य

-पुन: कनेक्शन जोड़ने पर 600 का जुर्माना व एफआईआर का प्रावधान

---वर्जन

अब बकाएदारों और बिजली चोरों से निपटने के लिए सरकार की ओर से ऐसी डिवाइस तैयार कराई गई है, जिससे किसी का भी एक माह से ज्यादा का बकाया नहीं रह पाएगा। अधिकारी विभाग में बैठे-बैठे एक एसएमएस भेजकर कनेक्शन कट कर देंगे। पैसा जमा होने पर चालू भी कर देंगे।

विजय पाल, एसई फ‌र्स्ट-पीवीवीएनएल