वाराणसी (ब्यूरो)। एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दूसरे दिन रविवार को दौरान पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पहले ज्यादा ही तगड़ी रही। बांसफाटक से चौक तक की एक किलोमीटर की मुख्य सड़क को सुबह सात बजे से दोपहर 2 बजे तक पूरी तरह से सील कर दिया गया था। गलियों में भी पुलिस के जवान गश्त करते रहे। जहां भी कोई भीड़-भाड़ नजर आयी उसे खदेड़ दिया। चौक से बांसफाटक मुख्य मार्ग से लगी गलियों में मौजूद चाय-पान की दुकानों को भी पुलिस ने बंद करा दिया था। पुलिस के अधिकारी लगातार चक्रमण कर रह थे। जहां जरूरी समझ आया वहां अतिरिक्त फोर्स लगायी गयी। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की जांच सख्ती से की गयी।
चौक का इलाका रहा बंद
दिन निकलते ही बांसफाटक से चौक तक का पूरा इलाका बैरिकेङ्क्षडग करके आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया। पुलिस के पास मौजूद एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही से जुड़े 52 लोगों के अतिरिक्त किसी को आगे जाने की इजाजत नहीं थी। इस बीच कुछ वीआईपी दर्शनार्थी आए तो उनकी भी पुष्टि के बाद भी आगे जाने दिया गया। मुख्य सड़क पर जवानों के साथ पुलिस के अधिकारी लगातार चक्रमण करते रहे। गलियों में पीएसी के जवानों को लगाया गया था। जो बेवजह भीड़ लगाने वालों को हटाते-बढ़ाते रहे। दुकानें बंद होने से ज्यादातर बाजार सूनसान ही थे। कुछ एक दुकानें खुलीं तो पुलिसवालों ने उसे बंद करा दिया। 10 थानों की पुलिस मुस्तैद रही। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश, डीसीपी काशी आरएस गौतम सुरक्षा व्यवस्था पर नजर बनाए हुए थे। रविवार होने की वजह से बांसफाटक से लेकर चौक तक के बाजार बंद रहे। इसके चलते आम दिनों में होने वाली भीड़ नजर नहीं आयी। सड़क पर भी आवगामन कम रहा.
भटकते रहे भक्त
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करने वालों की भीड़ थोड़ी ज्यादा थी। छुट्टी का दिन होने की वजह से आसपास के जिलों के श्रद्धालु बाबा का दर्शन करने पहुंचे। श्रद्धालुओं को गेट संख्या एक से प्रवेश कराया गया। गंगाद्वार से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने गए। रविवार को कालभैरव के दर्शन की मान्यता है इसलिए श्रद्धालु कालभैरव मंदिर जा रहे थे लेकिन रास्ता बंद होने की वजह से उन्हें गलियों को सहारा लेना पड़ रहा था। बाहर से आने वाले गलियों की जानकारी नहीं होने की वजह से भटकते रहे.
गली में लगा फूल बाजार
एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान बांसफाटक से चौक तक एक किलोमीटर की सड़क सील होने की से फूलमंडी भी बंद रही। कमाई के चक्कर में दूर-दराज से फूल-माला लेकर आने वाले घुंघरानी गली में अपनी दुकान लगाए। यहां से फूल-माला खरीदकर ले जाने वाले किसी तरह तलाशते हुए उन तक पहुंच पा रहे थे। दुकानदारों की संख्या काफी कम थी और उनके पास माला-फूल भी कम था।
मीडियाकर्मियों से धक्का-मुक्की
ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण का कवरेज करने के लिए चौक थाने के पास जमा मीडियाकर्मियों और पुलिस के बीच नोकझोंक के बाद धक्का-मुक्की हुई। पुलिस वाले मीडियाकर्मियों को वहां से हटाना चाहते थे। इस बात को लेकर उनके बीच तीखी नोकझोंक हुई। दोनों तरफ से बात बढ़ी तो धक्का-मुक्की होने लगी। वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.
न्यायालय के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही सुचारु ढंग से चल रही है। पक्षकारों के बीच कोई मतभेद नहीं है। हर किसी को अपनी बात रखने का मौका दिया जा रहा है.
-महेंद्र प्रसाद पांडेय, जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल)