- लंका पुलिस के हत्थे चढ़ा लूट, अपहरण और फ्रॉड करने वाला पढ़े लिखे लड़कों का गैंग, पकड़े गए तीन छात्रों में से एक कर रहा है बीबीए और एक बीए

- पास से मिले लूटे गए रुपये, गाड़ी और मोबाइल, पुलिस को मिले गैंग से जुड़े और भी बदमाशों के नाम

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नाम- राहुल उपाध्याय

उम्र-21 साल

पढ़ाई- बीबीए कर रहा है

काम- लूटपाट, अपहरण और चोरी

नाम- आशीष कुमार

उम्र-20 साल

पढ़ाई- बीए कर रहा है

काम- चोरी, लूट और गुंडागर्दी

ऊपर दी गई प्रोफाइल उन दो बदमाशों की है जिनको लंका पुलिस ने सोमवार को शहर के अलग-अलग हिस्सों में लूटपाट, चेन स्नेचिंग, अपहरण करने के आरोप में इनके एक अन्य साथी के साथ गिरफ्तार किया है। ये तीनों जब पुलिस के हत्थे चढ़े और पूछताछ में इनके पढ़े लिखे होने की जानकारी पुलिस को लगी तो उसके भी होश उड़ गए। पकड़ा गया राहुल अच्छे परिवार से बिलॉन्ग करता है। खुद की स्कार्पियो से वो अपने गैंग के साथ शहर में वारदातों को अंजाम देता था।

बरामद हुई गाड़ी और रुपये

एसपी सिटी सुधाकर यादव ने सोमवार को मीडिया को अपने चेतगंज स्थित ऑफिस पर बताया कि गैंग लीडर शहजाद उर्फ शहरे आलम समेत आशीष यादव व राहुल उपाध्याय को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से एक स्कार्पियो के अलावा ग्यारह मोबाइल हैंडसेट, दो असलहे व लूट के पंद्रह हजार रुपये बरामद किए हैं। सीओ भेलूपुर राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गैंग में लगभग 20 बदमाश और हैं। सभी भेलूपुर, लंका और रोहनिया थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है।

पहले हादसा फिर शिकार

एसपी सिटी सुधाकर यादव ने बताया कि बरामद स्कार्पियो अरेस्ट बदमाश राहुल की है। गैंग का सरगना शहजाद, राहुल और आशीष के अलावा अन्य गुर्गे गाड़ी से घूमकर अपना शिकार तलाशते थे। पंद्रह जनवरी को लंका थाना क्षेत्र स्थित एक महिला कॉलेज के पास इन लोगों ने मुगलसराय के युवराज की बाइक में पहले टक्कर मारी और फिर असलहे के बल पर स्कार्पियो से उसे अगवा कर लिया। अगवा करने के बाद वाराणसी- इलाहाबाद हाईवे ले गए और युवराज से जबरन उसके खाते से एटीएम से रुपये निकलवाने के बाद उसे वहीं छोड़ दिया।

ब्रांडेड की चाह में बन गए बदमाश

पढ़े लिखे बदमाश राहुल और आशीष क्यों इस ओर आ गए? इस बारे में उनका कहना था कि घर से मिलने वाले रुपये उनके लिए पूरे नहीं पड़ते थे। इस कारण वो अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते थे। कॉलेज में सभी लोग अच्छे ब्रांडेड कपड़े पहनते थे और रुपये खर्च करते थे। बस इन सब चीजों को देखकर ही दोनों ने गलत राह चुनी और स्टूडेंट से क्रिमिनल बन गए।

क्राइम ब्रांच बनकर उठाते थे लोगों को

गैंग में राहुल को एक क्राइम ब्रांच ऑफिसर की तरह प्रेजेंट किया जाता था। पूछताछ में बातचीत का लहजा और पहनावा भी राहुल क्राइम ब्रांच के अधिकारी जैसा ही रखता था। सूट बूट में स्कार्पियो से ये गैंग सुनसान स्थानों पर जाता था और गाड़ी रोड किनारे लगाकर ये लोग गाडि़यों को रोकते थे। कोई कार सवार जैसे ही गाड़ी रोकता ये खुद को क्राइम ब्रांच का बताकर उसे उठा लेते और पूछताछ के बहाने लूटपाट कर उसे छोड़ देते थे। लंका, भेलूपुर, रोहनिया इलाके को इन लोगों ने अपना गढ़ बनाया था। चेन स्नेचिंग के बाबत पूछने पर एसपी सिटी ने कहा कि गैंग के गुर्गे चेन स्नेचिंग में माहिर हैं और इन लोगों ने शहर, देहात में चेन स्नेचिंग की कितनी वारदात की हैं ये इन लोगों को भी नहीं पता।