वाराणसी (ब्यूरो) जिले में साढ़े तीन हजार ऑटो की फिटनेस जांच नहीं हुई हैइनमें से कई ऐसे ऑटो हैं, जिनकी फिटनेस कोरोना काल से पहले से खत्म हैऐसे ऑटो में सफर से सवारियों की जान खतरे में हैअनफिट ऑटो अभियान चलाकर जब्त किए जाएंगेऑटो की फिटनेस जांच के अलावा चालकों से 15 हजार रुपये जुर्माना वसूलने के बाद छोड़े जाएंगे

अनफिट से हो सकती है दुर्घटना

जिले के आरटीओ में करीब 16 हजार से अधिक ऑटो पंजीकृत हैंइनमें से 25 फीसदी से अधिक ऑटो की फिटनेस जांच नहीं हुई हैएआरटीओ प्रशासन सर्वेश चतुर्वेदी ने कहा कि अनफिट ऑटो कभी भी दुर्घटना ग्रस्त हो सकता और सवारियों की जान खतरे में पड़ सकती हैइसलिए सडक़ पर दौड़ते पाए जाने पर इन ऑटो को जब्त किया जाएगाप्रदूषण जांच न होने पर दस हजार रुपये और अनफिट वाहन चलाने के कारण पांच हजार रुपये यानि कुल 15 हजार रुपये का जुर्माना लिया जाएगा

आठ साल बाद हर वर्ष फिटनेस जांच जरूरी

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सीएनजी ऑटो को 15 साल तक चलाने की अनुमति हैनए ऑटो की प्रत्येक दो साल में फिटनेस जांच की जाती हैआठ साल बाद ऑटो की हर वर्ष फिटनेस जांच जरूरी हैऑटो की फिटनेस फीस 600 रुपये हैइसमें 400 रुपये फिटनेस शुल्क और 200 रुपये प्रमाणपत्र की फीस हैयह शुल्क सरकार की ओर से निर्धारित है

30 सितंबर तक दिया गया था समय

शासन ने ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन संबंधी दस्तावेजों की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा दी थीयह छूट उन लोगों के लिए थी, जिनके वाहन के दस्तावेजों की अवधि एक फरवरी 2020 या उसके बाद खत्म हो रही थी

ऑटो के हर हिस्से की होती है जांच

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक फिटनेस में ऑटो के हर हिस्से की जांच की जाती हैइसमें ऑटो के ब्रेक, हेड लाइट, बॉडी समेत सभी हिस्से शामिल हैंयदि किसी भी हिस्से में कमी मिलती है तो उसे दुरुस्त कराकर फिर से फिटनेस जांच के लिए लाने को कहा जाता हैफिटनेस प्रमाणपत्र तब तक जारी नहीं किया जाता है जब तक सभी हिस्से जांच में दुरुस्त नहीं पाए जाते हैं

ऑटो चालक लापरवाही न बरतें और ऑटो की जल्द से जल्द फिटनेस करा लेंलोग भी यदि खराब हालत में दौड़ रहे ऑटो को देखें तो उसकी सूचना परिवहन विभाग को देंसाथ ही, उस ऑटो में सफर न करें

सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ