-खुले में शौच बंद कराने को जिला प्रशासन ने शुरू की कवायद

-प्रधान से लेकर प्रशासनिक महकमा भी जुटे, लोगों को कर रहे अवेयर

-शौचालय बनाने को प्रशासन कर रहा 12 हजार की मदद

VARANASI

चोर को पकड़ने या कानून व्यवस्था बरकरार रखने के लिए पुलिस की सीटी बजते अक्सर देखा होगा। मगर अब खुले में शौच के लिए निकले तो भी सीटी बजेगी। हालांकि इस सीटी बजने के पीछे किसी कार्रवाई का अंदेशा नहीं बल्कि जागरूकता की एक पहल है। ताकि जिले में खुले में शौच करने पर रोक लगाई जा सके। इस अभियान को सक्सेस बनाने के लिए अब प्रशासनिक महकमा भी जुट गया है। छोटे से बड़े अधिकारी सभी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सुबह से चल रहा अवेयरनेस प्रोग्राम

जिले में खुले में शौच करने पर रोक लगाने के लिए गांव-गांव में टीम बनाई गई है। कहीं प्रधान की अगुवाई में तो कहीं गणमान्य नागरिक की। इस टीम में शामिल लोगों की जिम्मेदारी सुबह चार बजे से शुरू हो जाती है। जो विभिन्न एरिया में फैल कर लोगों पर निगाह रखते हैं। जैसे ही खुले में शौच के लिए किसी को जाता देखते हैं, वे सीटी बजाना शुरू कर देते हैं। साथ ही लोगों को अवेयर भी कर रहे हैं। शौचालय बनवाने के लिए सरकार की ओर से क्ख् हजार रुपए की मदद भी की जा रही है, जिससे कि हर घर में शौचालय बन सके।

गांव से बदतर है शहर

जिले को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए प्रशासनिक महकमे से लेकर समाजसेवी तक जुटे हैं। मगर गांव से बुरी स्थिति शहरी इलाकों की है। रूरल में जहां कई गांव खुले में शौच से मुक्त बनने की कगार पर हैं तो कई गांव में पचास परसेंट सुधार हुआ है। मगर शहरी एरिया के कई इलाकों में इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। शहर के मध्य में स्थित वरुणा का सूखा पड़ा इलाका इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

खुले में शौच पर रोक लगाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। कई गांव इस कैटेगरी की ओर बढ़ रहे हैं। लोगों को अवेयर कर इस अभियान की सफलता का प्रयास किया जा रहा है।

राजमणि यादव, डीएम