-मंडलीय हॉस्पिटल के इमरजेंसी वॉर्ड के महिला टॉयलेट में बंद है ताला

-मरीज के महिला तीमारदारों को जाना पड़ रहा है अन्य वॉ‌र्ड्स में

-इसी टॉयलेट में गंदगी मिलने पर सीडीओ ने रोका था कई का वेतन

VARANASI

एक तरफ डीएम साहब रोजाना शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जन चौपाल लगाकर लोगों को खुले में टॉयलेट नहीं करने के लिए जागरूक कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा के इमरजेंसी वॉर्ड के लेडीज टॉयलेट में ताला जड़ दिया गया है। वह भी सिर्फ इसलिए कि बाहरी लोग टॉयलेट व वॉशरूम का यूज न कर सकें। हालांकि बाहरी तो कोई पहुंचता नहीं है लेकिन मरीजों के तीमारदारों को टॉयलेट व वॉशरूम पर ताला बंद होने से फजीहत जरूर हो रही है। मरीज के महिला तीमारदारों को अननोन वॉर्ड से अटैच टॉयलेट व वॉशरूम को यूज करना पड़ रहा है। अन्य वॉर्डो की स्थिति भी बदतर हो चुकी है। बीते माह सीडीओ विशाखजी ने इसी इमरजेंसी वॉर्ड के टॉयलेट में गंदगी देखकर दो दर्जन से अधिक सफाई कर्मचारियों का वेतन रोक दिया था। उसके बाद कार्यदायी संस्था ने साफ-सफाई पर इतना ध्यान देना शुरू कर दिया है कि वॉशरूम व टॉयलेट में ताला ही लगाना शुरू कर दिया है।

सटा है वीमेंस हॉस्पिटल

एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल में पूर्वाचल सहित बिहार तक के पेशेट्स चेकअप कराने के लिये आते हैं। डेली हर घंटे दर्जनों मरीज इमरजेंसी वॉर्ड में इलाज के लिए पहुंचते हैं। इमरजेंसी वॉर्ड से राजकीय महिला हॉस्पिटल सटा होने के कारण यहां महिलाओं की आवाजाही लगी रहती है। इसके अलावा भी इमरजेंसी वॉर्ड में एडमिट होने वाले पेशेंट्स संग भी तीमारदारों में महिलाओं की संख्या सबसे अधिक होती है। इसके बावजूद हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन लेडीज टॉयलेट में तालाबंदी पर खामोश है।

आखिर टॉयलेट में तालाबंदी क्यों?

मंडलीय हॉस्पिटल में कार्यदायी संस्था को साफ-सफाई का जिम्मा सौंपा गया है। हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है कि कहीं गंदगी दिखे तो तुरंत एसएमएस करें। साफ-सफाई की जाएगी, जब ऐसी सुविधा है तो फिर टॉयलेट में तालाबंदी क्यों? यह सवाल हर मरीज सहित वहां के स्टाफ व नर्सेज के जेहन में कौंध रहा है। अधिकारियों से कम्प्लेन भी की गई लेकिन ताला नहीं खुला।