-कोरोना बना बाधक, कंपनी ने लक्ष्य तक पहुंचने को किया दिन-रात एक

-35.83 करोड़ से घाट का पुनरुद्धार कार्य, पर्यटन के दृष्टिगत विकास

पर्यटन विकास के दृष्टिगत खिड़किया घाट पर पुनरुद्धार कार्य कराया जा रहा है। 35.83 करोड़ से घाट पर आधुनिक सुविधाओं का विकास हो रहा है। बारिश से पहले कार्य खत्म करने का लक्ष्य लेकर किया जा रहा था लेकिन कोरोना काल में धीमी गति ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। हालांकि, सितंबर तक निर्माण कार्य हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए कार्यदायी कंपनी ने दिन-रात एक कर दिया है। काशी के घाटों पर पर्यटकों का हुजूम उमड़े और यहां उनके लिए बेहतर सुविधाएं विकसित हों इसके लिए पयर्टन विभाग व नगर निगम समेत अन्य कई विभागों ने बुनियादी सुविधाओं के साथ वहां लग्जरी सुविधाओं के विकास का खाका तैयार किया है। दशाश्वमेध, अस्सी घाट के बाद इस बार विकास का केंद्र खिड़किया घाट है। यहां 35.83 करोड़ से करीब 11.5 एकड़ एरिया में आधुनिकतम सुविधाओं का विकास होना है जिसमें करीब 65 फीसद से अधिक काम पूरा हो चुका है। घाट पर धर्म, कला, संस्कृति का मिलाप दिखेगा। वहीं हेलिपैड की सुविधा भी यहां विकसित की जाएगी। करीब 11.5 एकड़ में से 1.6 एकड़ भूमि पर बहुउद्देशीय प्लेटफार्म बनने का काम शुरू है। यहां दो हेलिकाप्टर उतर सकते हैं। इस नए पर्यटन ठीहे को जल, थल व नभ तीनों से जोड़ा जाएगा। यहीं पर डेडिकेटेड ई-रिक्शा कॉरिडोर को भी कनेक्टिविटी दी जाएगी। इसे सितंबर तक तैयार कर दिया जाएगा ताकि बरसात होने से पहले पूरा खाका बन जाए। बहुउद्देशीय प्लेटफार्म पर बच्चों, बुजुर्गो व दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा का विकास किया जा रहा है ताकि उन्हें घाट से गंगा की तलहटी तक पहुंचने में आसानी हो। यहां पर्यटकों को गंगा स्नान की बेहतरीन सुविधा के साथ श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन, वाटर स्पो‌र्ट्स का मजा लेने के लिए टिकट बु¨कग के साथ नाव व बजड़े की सुविधा मिलेगी। मार्निंग वॉक, व्यायाम के अलावा लाइब्रेरी भी होगी। यही नहीं फूड प्लाजा, आरओ प्लांट के साथ ही शिल्प से जुड़े कारीगरों को स्थान दिया जाएगा। जहां बनारस से जुड़े लकड़ी के खिलौने आदि मिलेंगे।