- छह महीने से ना कोई कार्गो आया और न ही भेजा गया
- सुविधाएं उपलब्ध न होने से कन्नी काट रहे व्यापारी
कोरोना के बाद डीजल की बढ़ती कीमत ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। बाहर से रॉ मैटेरियल मंगाने में महंगा पड़ रहा है, जिससे उत्पादन और बिक्री प्रभावित हो रहा है। ऐसी स्थिति में रामनगर के राल्हूपुर में नवनिर्मित बंदरगाह काफी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन समुचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने से इसका लाभ व्यापारियों को नहीं मिल रहा है। डिमांड के बावजूद भाड़े में सब्सिडी और बंदरगाह तक कंटेनर के आने जाने तक की सुविधा विकसित नहीं हो पाई है। इसके चलते फरवरी के बाद बंदरगाह पर कोई कार्गो आया और न ही कोई कार्गो यहां से रवाना हुआ।
40 टन धान की भूसी गई थी कोलकाता
बंदरगाह को तैयार हुए दो साल से अधिक समय हो गया, लेकिन समुचित सुविधाएं उपलब्ध न होने से व्यापारी कन्नी काट रहे हैं। अधिकारी भी व्यापारियों से संपर्क नहीं करते हैं। इसी वर्ष फरवरी में लाल बहादुर शास्त्री जलपोत से आईएफबी एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड का लगभग 40 टन धान की भूसी बंदरगाह से कोलकाता के लिए भेजी गई थी। इसके बाद से व्यापारियों ने अभी तक हल्दिया-वाराणसी जलमार्ग से माल नहीं मंगाया और भेजा भी नहीं। व्यापारियों की मानें तो बंदरगाह से ट्रांसपोìटग सस्ती है, लेकिन जानकारी मिलेगी तभी व्यापारी वर्ग बंदरगाह से जुड़ेगा।
बंदरगाह पर सुविधाओं का टोटा
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की ओर से करीब 38 एकड़ में टíमनल बनाया गया है। शेष जमीन के लिए जिला प्रशासन के जरिए प्राधिकरण प्रयासरत है। जमीन नहीं मिलने से प्रस्तावित काम आगे नहीं बढ़ पा रहे। अभी यहां सुविधाओं का टोटा है। कंटेनर आने जाने तक के लिए रास्ता नहीं है। ऐसे में माल को तय स्थान तक पहुंचाने में कठिनाई हो रही है।
ये माल भेज जाते हैं कोलकत्ता
- लकड़ी के खिलौने
- बनारस की साडि़यां
- मेटल के आइटम
- धान की भूंसी
- पूजा-पाठ की सामग्री
- कृषि यंत्र
आने वाले सामान
- गारमेंट्स के सामान
- स्पोर्ट्स के सभी सामान
- रॉ मटेरियल
वर्जन
सटीक जानकारी न मिलने के कारण व्यापारी बंदरगाह से जुड़ नहीं पा रहे हैं। बंदरगाह तक जाने वाला रास्ते को ब्लाक कर दिया गया है। जब सूचना ही नहीं मिलेगी तो ट्रांसपोìटग का काम कैसे किया जाएगा।
-राकेश अग्रवाल, उद्यमी
उद्यमियों की सुविधा के लिए तो बंदरगाह बना दिया गया, लेकिन अभी कई सुविधाएं यहां नहीं है। व्यापारियों को भाड़े पर सब्सिडी भी नहीं मिलती है। कंटेनर के आने जाने तक की सुविधा नहीं है।
-मणिनंदन कालरा, उद्यमी
डीजल काफी महंगा हो गया है। ऐसे में ट्रक से माल मंगाना काफी महंगा हो गया है। बंदरगाह से ट्रांसपोìटग सस्ती है, लेकिन जानकारी नहीं मिलने से व्यापारी वर्ग बंदरगाह से नहीं जुड़ पा रहा है।
-रामजी शाह, उद्यमी
बंदरगाह से माल की बुकिंग की जिम्मेदारी शिपिंग कार्पोरेशन कोलकाता की एजेंसी को दी गई है। जलमार्ग से व्यापार करना काफी सस्ता है फिर भी उद्यमी जलमार्ग से व्यापार करने से दूर हैं। व्यापारियों से संपर्क कर बंदरगाह से व्यापार करने के लाभ को बताया जाएगा।
-राकेश कुमार, कार्यालय प्रभारी, आईडब्ल्यूएआई