- ATS के हत्थे चढ़े पश्चिम बंगाल से हजार-पांच सौ के नकली नोट लेकर आए दो तस्कर

- सिगरा पुलिस संग मिलकर कैंट इलाके में बस से उतरते वक्त दोनों को पकड़ा, पास से एक लाख 95 हजार रुपये के नकली नोट बरामद

VARANASI : भले ही नकली नोटों के सौदागरों को पकड़ने के लिए रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डों तक पर विशेष सतर्कता बरती जा रही हो लेकिन नकली नोटों के सौदागर भी अब पकड़े जाने के डर से समझदार हो चुके हैं। वे ट्रेन और प्लेन की जगह नकली नोटों को एक स्टेट से दूसरे स्टेट तक पहुंचाने के लिए अब बस का सहारा ले रहे हैं। ऐसा खुलासा शुक्रवार को एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्काव्यड) ने किया। एटीएस ने कैंट रोडवेज के पास से झारखंड से आई एक बस से नकली नोटों के साथ दो तस्करों को पकड़ा है। इनके पास से एक लाख 9भ् हजार रुपये मूल्य के नकली नोट बरामद हुए हैं। पकड़े गए दोनों तस्कर दानिश और सत्तार अंसारी बनारस में नकली नोट की सप्लाई देने आए थे। एटीएस इनके जरिए इनके नेक्सेस तक पहुंचने में जुटी है।

रोडवेज पर बिछाया जाल

एटीएस के एसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि बीते दिनों पटना में नकली नोटों के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार करने के बाद एटीएस की एक टीम मालदा में रेकी कर रही थी। इस बीच सूचना मिली कि बांग्लादेश के रास्ते मालदा में नकली नोटों की बड़ी खेप आई है। नकली नोटों की एक खेप लेकर रांची के दो युवक दानिश और सत्तार गुरुवार की रात बस से निकले हैं। सूचना मिलते ही एसपी एटीएस संतोष सिंह ने जाल बिछाया। एसआई रवींद्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने कैंट क्षेत्र में घेरेबंदी कर दी। कैंट में रोडवेज के पास सुबह साढ़े छह बजे रांची झारखंड से बस (बीआर ख्ब् पी ब्भ्07) पहुंची। इंफॉर्मर के बताए हुलिए के आधार पर एटीएस के साथ मौजूद सिगरा पुलिस ने बस से उतरे दो युवकों को हिरासत में ले लिया। उनके पास मौजूद बैग की तलाशी ली तो एक हजार और पांच सौ के नोट मिले। पूछताछ में दोनों ने नकली नोट होने की बात स्वीकार कर ली। एसपी संतोष सिंह ने बताया कि पकड़े गए दानिश अंसारी के पास से एक हजार के क्ख्7 नोट और सत्तार अंसारी के पास से पांच सौ के क्फ्म् नोट बरामद हुए। एटीएस ने दोनों को सिगरा पुलिस के हवाले कर दिया। सिगरा पुलिस ने दोनों को धारा ब्89 (ख) और ब्89 (ग) की धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

अब बदल गया रास्ता

पाकिस्तान से आने वाले नकली नोटों का हब इन दिनों पश्चिम बंगाल का मालदा बना हुआ है। पाकिस्तान में नकली नोटों की छपाई के बाद वहां की सेना और खुफिया एजेंसी आइएसआई उसकी खेप बांग्लादेश भेजती है। बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के बॉर्डर पर स्थित मालदा में यहां इन नोटों की सप्लाई की जाती है। देश के कोने-कोने से नकली नोटों का सौदा करने वाले मालदा आकर नकली नोट ले जाते हैं तो कुछ सप्लायर उन तक खुद पहुंचाते हैं। एटीएस के एसपी संतोष सिंह ने बताया कि नकली नोट के साथ गिरफ्तार दानिश का पिता निजाम अंसारी और उसका चाचा सलीम अंसारी नकली नोट के बड़े सप्लायर हैं। दोनों नकली नोट के साथ कई बार पकड़े जा चुके हैं। दानिश रांची के निजामनगर हिंदपीड़ी व सत्तार जगन्नाथपुरा का रहने वाला है। नकली नोटों के सप्लायरों के निशाने पर इस समय पूर्वाचल है। बनारस, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर व मऊ में नकली नोटों की खेप धड़ल्ले से भेजी जा रही है।

इनको पकड़ना आसान नहीं

तस्करों के पास से बरामद नकली नोट दिखने में इतने असल हैं कि उन्हें आसानी से नहीं पकड़ा जा सकता है। नकली नोट के कागज और उस पर प्रिंट एकदम असली है। बस, नोट में लगी नीली पट्टी में भारत और आरबीआई स्पष्ट नहीं छपा है यहीं इसके नकली होने की पहचान है।