-सपा की अंतिम लिस्ट में भी शहर उत्तरी व शिवपुर के लिए पार्टी कैंडीडेट्स की घोषणा नहीं

-अब चर्चित विधायक के बेटे को मैदान में उतारने पर चल रहा है मंथन

VARANASI

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र को कांग्रेस बहुत सीरियसली ले रही है। वजह, सपा के साथ गठबंधन में वाराणसी संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटों में से दो सीटें शहर दक्षिणी व कैंट कांग्रेस की झोली में आ गई हैं। तीसरी शहर उत्तरी सीट पर दोनों पार्टियों के बीच कैंडीडेट्स को लेकर जिच अब भी कायम है। सोर्सेज के मुताबिक इस सीट पर मऊ के बाहुबलि विधायक के बेटे को मैदान में उतारने पर मंथन चल रहा है। वह इंटरनेशनल प्लेयर है। बता दें कि कांग्रेस को मिलने जा रही ये तीनों सीटें शहरी क्षेत्र की हैं और तीनों पर भाजपा विधायक काबिज हैं। इनमें शहर दक्षिणी से सात बार के विनर श्यामदेव राय चौधरी के अलावा वाराणसी कैंट से डॉ। ज्योत्सना श्रीवास्तव और शहर उत्तरी से रवींद्र जायसवाल एमएलए हैं। शहर दक्षिणी के बाद कैंट सीट पर भी भाजपा का लंबे समय से कब्जा है। पहले इस सीट से हरिश्चंद्र श्रीवास्तव इलेक्शन जीतते रहे। फिर उनकी पत्नी डॉ। ज्योत्सना एमएलए बनीं।

केवल तीन सीट पर कैंडीडेट्स

बनारस जिले की बात करें तो यहां आठ विधानसभा सीटों के सापेक्ष गठबंधन की सूरत में कांग्रेस शुरू से ही पांच सीटों पर दावा पेश कर रही है। गठबंधन फाइनल होने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सोमवार की शाम पार्टी की जो अंतिम सूची जारी की, उनमें बनारस में केवल तीन सीटों पर कैंडीडेट्स के नाम की घोषणा की गई है। इनमें दो सीटिंग सीटें सेवापुरी से राज्यमंत्री सुरेंद्र पटेल और रोहनिया से उनके भाई महेंद्र पटेल को टिकट दिया है जबकि अजगरा सुरक्षित सीट से लालजी सोनकर को मैदान में उतारा गया है। बता दें कि सन् ख्0क्ख् के इलेक्शन में लालजी सोनकर और बसपा के टी राम के बीच कांटे की टक्कर हुई थी, जिसमें लालजी बहुत कम वोट से चुनाव हारे थे।

ताकि मिले जीत

शहर की तीनों विधानसभा सीट पर कांग्रेस-सपा गठबंधन जीत दर्ज कर बड़ा मैसेज देने का प्लैन बना रही हैं। इसके तहत ही फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाया जा रहा है। समझा जा रहा है कि उत्तरी सीट भी कांग्रेस के खाते में डालकर सपा कई तरह की आशंकाओं पर विराम लगा सकती है। इसके पीछे रणनीति यह है कि गठबंधन को मुस्लिम वोटों का नुकसान न हो, इसके लिए कांग्रेस भी शहर उत्तरी से किसी मुस्लिम कैंडीडेट को टिकट दे सकती है। देर शाम तक नई दिल्ली में इसके लिए मीटिंग का दौर चलता रहा।