वाराणसी (ब्यूरो) गाजीपुर : माफिया मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल कुछ लोगों द्वारा कब्रिस्तान के बाहर की गई नारेबाजी और उपद्रव को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। पुलिसकर्मियों द्वारा की गई वीडियोग्राफी की जांच कर ऐसे प्रत्येक व्यक्ति की पहचान की जा रही है। पुलिस अब तक करीब १०० से अधिक वीडियो देख चुकी है।

मुहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में बीते शनिवार को मुख्तार का शव दफन करने के लिए लाया गया तो उसे मिट्टी देने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी थी। कुछ लोगों ने जबरदस्ती अंदर घुसने की कोशिश की। रोकने पर नारेबाजी शुरू कर दी और पुलिसकर्मियों से उलझ गए। इसे लेकर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी व मुख्तार के भाई सांसद अफजाल अंसारी के बीच तीखी बहस भी हुई थी। जिलाधिकारी ने तभी सांसद को कार्रवाई की चेतावनी दी थी। डीएम के निर्देश पर पुलिस की टीम वीडियो की समीक्षा कर रही है।

मुख्तार के आरोपों की होनी चाहिए जांच : स्वामी प्रसाद

शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य रविवार को मुहम्मदाबाद स्थित मुख्तार के पुश्तैनी मकान फाटक पहुंचे और स्वजन से मुलाकात की। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र को नियमों के अनुसार काम करना चाहिए, लेकिन प्रदेश में ऐसा नहीं हो रहा है। कोई अपराधी है या नहीं, यह फैसला न्यायपालिका को करना चाहिए। आज न्यायपालिका को भी दरकिनार कर सरकार अराजकता के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। मुख्तार ने जेल में जहर देने का आरोप लगाया था। इसकी जांच होनी चाहिए। जिलाधिकारी और अफजाल अंसारी के बीच हुई बहस पर कहा कि डीएम की यह बचकानी हरकत है। तीसरे मोर्चे के सवाल पर कहा कि मैं आइएनडीआइए गठबंधन के साथ पहले भी था, आज भी हूं और आगे भी रहूंगा।