- जनसुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में वाराणसी पुलिस कर रही बेहतर कार्य

- 2020 में जनवरी, जुलाई, अगस्त, सितम्बर, नवम्बर, व दिसम्बर माह में प्रथम व अक्टूबर में आठवां स्थान

-2021 में जनवरी माह में जिले को प्रथम स्थान, फरवरी की रैकिंग में भी रहा दबदबा

यूपी सरकार की ऑनलाइन शिकायत प्रणाली, जनसुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में वाराणसी पुलिस लगातार बेहतर कार्य करते हुए पहले स्थान पर कायम है। यहां आने वाली समस्याओं का समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण का क्रम लगातार जारी है। पूरे प्रदेश में वर्ष 2020 में जनवरी, जुलाई, अगस्त, सितम्बर, नवम्बर, व दिसम्बर माह में प्रथम स्थान व अक्टूबर माह में जिले को आठवां स्थान मिला था। जबकि वर्ष 2021 में जनवरी माह में जिले को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। इसके अलावा फरवरी की जारी रैकिंग में भी वाराणसी जनपद का दबदबा प्रथम रैंक पर कायम है।

75 जिलों में सबसे आगे

पुलिस की जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त संदर्भो का मुख्यमंत्री कार्यालय से मूल्यांकन किए जाने पर यूपी के सभी 75 जिलों में वाराणसी जिले की कार्रवाई शत प्रतिशत रही और रैंक प्रथम रहा। डीआईजी, एसएसपी अमित पाठक के निर्देशन में संचालित फीड़बैक सेल और जनसुनवाई की टीम लगातार कार्य कर इस स्थान पर कायम रहने में महती भूमिका निभा रही है।

एसएसपी स्वयं लेते हैं फीडबैक

एसएसपी अमित पाठक स्वयं जनसुनवाई पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के त्वरित व समयबद्ध निस्तारण के लिए जिले के सभी अधिकारी व थाना प्रभारियों को निर्देशित करते रहते हैं। जनसुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) के कार्यो की वे स्वयं निगरानी करते हैं। उनके द्वारा भी जनसुनवाई पोर्टल से प्राप्त शिकायतों को पुलिस कार्यालय में गठित आईजीआरएस सेल द्वारा संबंधित थानों पर ऑनलाइन प्रेषित किया जाता है।

यूं ही नहीं है दबदबा

जिला ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण में लगातार अव्वल आ रहा है। इसका सबसे प्रमुख कारण एसएसपी अमित पाठक का खुद मामलों के निस्तारण को लेकर गंभीर रहना है। वहीं उनकी टीम भी इसपर गंभीर है। जन सुनवाई पोर्टल के प्रभारी नरसिंह ओझा और उनकी टीम लगातार शिकायतकर्ता से वार्ता कर जानकारी हासिल करती रहती है।

:: कोट :::

ऑनलाइन शिकायतों के मामले में सभी जिम्मेदारों को सख्त निर्देश दिया गया है कि समय और पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखें। शिकायतें प्राप्त होने के बाद पीडि़त की मौजूदगी में समस्या का समाधान कराएं, ताकि अगर वह सही है तो उसे हर हाल में न्याय मिल सके। इसके अलावा फीडबैक सेल भी लगातार कार्य कर पीडि़तों से फीड़बैक लेती रहती है।

अमित पाठक, डीआईजी-एसएसपी