-वरुणा कॉरीडोर प्रोजेक्ट के मॉडल का दस जून को होना है इनॉगरेशन

-लेकिन काम की धीमी गति कारण तय वक्त पर काम पूरा हो पाना मुश्किल

VARANASI

सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट वरुणा कॉरिडोर के निर्माण में पूरी ताकत झोंक दी गयी है। इसके बाद भी तय वक्त पर इस प्रोजेक्ट का मॉडल तैयार हो पाना मुश्किल ही दिख रहा है। यह हाल तब है जबकि इसके इनॉगरेशन के लिए दस जून को खुद सीएम अखिलेश यादव आ रहे हैं। ऐसे में उनका आना कैंसिल भी हो सकता है। हालांकि काम दिन-रात युद्धस्तर पर चल रहा है। हजारों मजदूरों को बाहर से बुलाया गया है। तीन शिफ्ट्स में काम कराया जा रहा है। इसके बावजूद वरुणा कॉरीडोर का मॉडल अपना रूप नहीं ले पा रहा है।

निर्देश भी बेअसर

कॉरीडोर प्रोजेक्ट की निगरानी खुद कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण कर रहे हैं। सिंचाई विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेंद्र सिंह इसकी देखरेख कर रहे हैं। उनका कहना है कि मॉडल को तय वक्त पर पूरा करने की कोशिश की जा रही है। कॉरीडोर प्रोजेक्ट का काम एपको इंफ्रास्ट्रक्चर्स कर रही है। यूपी के चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन ने भी इसका इंस्पेक्शन किया था। उन्होंने काम में तेजी लाने के लिए कई दिशा निर्देश दिये थे।

ग्रीनरी के लिए प्लान तैयार नहीं

वरुणा के दोनों किनारों को सुंदर बनाने के लिए दोनों पुल के बीच फाउंटेन लगाये जाने और खूबसूरती के लिए बागवानी लगायी जानी है लेकिन इसका प्लान अभी तैयार ही नहीं किया गया है। राज्यमंत्री सुरेंद्र पटेल ने मंगलवार को निरीक्षण के दौरान ग्रीनरी लिए प्लान तैयार करने का निर्देश दिया।

सीवर लाइन में भी देरी

वरुणा कॉरिडोर प्रोजेक्ट में वरुणा के किनारे कचहरी साइड में पाथ-वे, साइकिल ट्रैक और दूसरी ओर सिर्फ पाथ-वे बनाया जाना है। इससे पहले वरुणा के किनारे डाली जा रही सीवर लाइन में भी देरी हो रही है। फिलहाल पाइप लाइन बिछाये जाने के लिए बेस तैयार किया जा रहा है।

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मंत्री ने किया निरीक्षण

काम में हो रही देरी पर मंगलवार को कॉरीडोर का निरीक्षण करने प्रदेश के लोक निर्माण विभाग, सिंचाई व जल संसाधन राज्यमंत्री सुरेन्द्र पटेल भी पहुंचे। उन्होंने कॉरिडोर में बाधक बन रहे कचहरी स्थित नये वरुणा ब्रिज की तरफ नदी किनारे बने होटल्स व भवनों के अवैध निर्माण को हटाये जाने का डीएम को मोबाइल से निर्देश दिया।

टीम बनाकर हटवायें अतिक्रमण

मंत्री ने निर्देश दिया कि विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग व नगर निगम के ऑफिसर्स की टीम बनाकर दो दिन में अतिक्रमण हटवाया जाये। उन्होंने बताया कि वरुणा कॉरिडोर के निर्माण कार्य में शत-प्रतिशत धनराशि प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही है। इसमें केन्द्र सरकार की ओर से कोई धनराशि नहीं दी गयी है।