इंटरनेशनल मैनेजमेंट ट्रेनर राजीव खुराना ने अपने खास अंदाज में स्टूडेंट्स को दिखायी सफल कॅरियर की राह

VARANASI

इंटरनेशनल मैनेजमेंट ट्रेनर राजीव खुराना ने बहुत ही आसान तरीके से जिंदगी के गणित से स्टूडेंट्स को परिचित कराया। उन्होंने कहा कि आम आदमी अगर ख्ख् साल की उम्र से म्0 साल तक पर डे क्0 घंटे काम करता है तो इस दौरान वह तकरीबन 9भ् हजार घंटे वर्क करता है। उन्होंने कहा कि जिस काम को करने में हम अपनी जिंदगी के 9भ् हजार घंटे बिताने वाले हैं उसे चुनने में कम से कम ईमानदारी के 9भ् घंटे तो चाहिए ही। इन घंटों में आप अपने बेहतर के बारे में सोचिए और निर्णय लीजिए।

इंजीनियर बनना है तो 'इडियट' बनो

राजीव खुराना ने पहले इडियट को बड़ा खास वर्ड बताया। उन्होंने इडियट के आई को इंटेलिजेंट, डी को डिलिजेंट, आई को इंफॉ‌र्म्ड, ओ को आर्गनाइज्ड और टी को टैलेंट के रूप में डिस्क्राइब किया। उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि अगर आप में इडियट बनने की क्षमता हो तो दुनिया का कोई भी कॅरियर आपके लिए आसान है। बस इतना सुनना था कि खचाखच भरे ऑडिटोरियम में बैठे स्टूडेंट्स खुद को इडियट बताने लगे। पूरे हॉल में 'आई एम एन इडियट' गूंजने लगा। राजीव खुराना ने स्टूडेंट्स को कुछ इसी अंदाज में क्ख् टिप्स दिये। हर टिप अपने आप में खास। जो कि स्टूडेंट्स के कॅरियर की राह आसान बनाने वाला था। उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि वे अपने पेरेंट्स को एजुकेशन पार्टनर बनाएं।

कहा कि वे अपने कॅरियर के बारे में अपने पेरेंट्स से बात करें। उनसे पूछें कि कि क्या आप मुझे एक इंजीनियर या डॉक्टर के रूप में देखना चाहते कि एक सुखी, सफल, संतुष्ट व्यक्ति के रूप में।

टॉम और जेरी भी आये थे

इंजीनियरिंग गेटवेज में कार्टून कैरेक्टर टॉम और जेरी भी आये थे और उन्होंने स्टूडेंट्स का खूब एंटरटेनमेंट किया। अरे भाई, यहां सचमुच के टॉम और जेरी नहीं आये थे। ये तो राजीव खुराना थे जो स्टूडेंट्स से अपने खास अंदाज में बातचीत के दौरान इन्हें ला रहे थे। उन्होंने स्टूडेंट्स से टॉम और जेरी बन जाने को कहा और उनके जरिये उन्हें कई खास बातें बताई।